सोम प्रदोष व्रत जून 2025– प्रदोष व्रत प्रत्येक महीने रखा जाता है जो कि भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ व्रत माना जाता है। अगर आप भी आषाढ़ मास में सोम प्रदोष व्रत कब है और इसका सही मुहूर्त क्या है,आदि संबंधित जानना चाहते हैं तो आज हम आपके लिए सोम प्रदोष व्रत 2025 से जुड़ी संपूर्ण जानकारी इस आर्टिकल में लेकर आए हैं।
सोम प्रदोष व्रत से प्राप्त होगा भगवान शिव और पार्वती की आशीर्वाद, दूर होगी वैवाहिक जीवन की समस्या!
सोम प्रदोष व्रत जून 2025– प्रदोष व्रत प्रत्येक महीने में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है तथा यह सर्वप्रथम भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त करने और वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए महत्वपूर्ण व्रत बताया जाता है। माना जाता है कि भगवान शिव और माता पार्वती प्रदोष व्रत रखने वाले को मनचाहा वरदान और आशीर्वाद देते हैं। हालांकि आषाढ़ मास में प्रदोष व्रत सबसे अच्छे दिन और महत्वपूर्ण संयोग लेकर आ रहा है क्योंकि यह व्रत सोमवार के दिन रखा जा रहा है और ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सोमवार का दिन भगवान शिव को अर्पित है। यदि जीवन में आप अपने आर्थिक कष्ट से परेशां है और आर्थिक लाभ पाना चाहते है तो भगवान भोलेनाथ जी का धनदायक शिव मंत्र का जाप करिये।
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सोम प्रदोष व्रत आषाढ़ मास में सोमवार के दिन 23 जून 2025 को रखा जाएगा। उदयातिथि के आधार पर यह व्रत त्रयोदशी यानी 23 जून 2025 की देर रात 1:21 मिनट पर शुरू होगा तथा यह उसी दिन रात में 23 जून को 10:09 को समाप्त भी हो जाएगा। उपवास रखना और विधि जैसे मांगलिक कार्य 23 जून को पूरे दिन किए जा सकते हैं। पूजा करने का शुभ मुहूर्त शाम 07:22 से 09:23 तक रहेगा।
23 जून 2025 सोम प्रदोष व्रत के दिन कृतिका नक्षत्र का संयोग बन रहा है जो दोपहर में 3:16 तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त की बात की जाए तो यह सुबह 11:59 से लेकर दोपहर 12:45 तक रहेगा। वही अमृतकाल दोपहर 1:06 मिनट से 2:33 मिनट तक रहेगा।
सोम प्रदोष की पूजा कैसे करें?
आषाढ़ मास में 23 जून 2025 को सोम प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। सोम प्रदोष व्रत पूजा की विधि नीचे दी गई-:
प्रातः काल में स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
भगवान शिव का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें।
एक चौकी पर साफ लाल रंग कपड़ा बिछाकर शिव परिवार को स्थापित करें या पहले से ही स्थापित शिव परिवार को तांबे के बर्तन में स्नान कराएं।
शिव परिवार की पूजा करते हुए शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, भांग, गंगा जल, पंचामृत आदि संबंधित सामग्री को अर्पित करें।
प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें।
108 बार “ऊं नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
अंत में भगवान शिव और माता पार्वती सहित समस्त शिव परिवार की आरती करें।
प्रदोष व्रत को लेकर पूछे जाने वाले प्रश्न
साल 2025 में सोम प्रदोष कब है?
आषाढ़ मास में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर पहला सोम प्रदोष व्रत 23 जून 2025 को रखा जाएगा।
प्रदोष के दिन शिवलिंग पर क्या चढ़ाना चाहिए?
सोम प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर पंचामृत को अर्पित करना चाहिए जो की दूध, दही, शहद, गंगाजल और घी से आदि पांचों पदार्थों को मिलाकर तैयार किया जाता है। यदि संभव हो तो शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना प्रदोष व्रत के दिन सर्वोत्तम माना जाता है।
सोमवार के दिन शिवलिंग पर क्या नहीं चढ़ाना चाहिए?
यदि आप आषाढ़ मास में सोम प्रदोष व्रत रख रहे हैं तो शिवलिंग पर सिंदूर हल्दी और तुलसी के पत्ते को शिवलिंग पर अर्पित ना करें।
निष्कर्ष:इस आर्टिकल में हमने आपको आषाढ़ मास में पढ़ने वाले सोम प्रदोष व्रत 2025 से संबंधित जानकारी दी है जिसमें हमने व्रत के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि की चर्चा की है।