Sawan Ki Shivratri Kab Hai : सावन महीने में जितने भी पर्व त्यौहार मनाए जाते है, सभी का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है। सावन महीना देवों के देव महादेव यानि शिव जी को समर्पित है। सावन महीने में शिव भक्त अपने आराध्य देव भोलेनाथ की पूजा करते हैं। सावन महीने में शिव जी की पूजा करने से भक्ति का कई गुना फल मिलता है। इसलिए सावन महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि पर्व का महत्व बहुत अधिक होता है।
शास्त्रों के अनुसार मानता है कि महाशिवरात्रि के बाद सावन महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि का महत्व बहुत अधिक है। सभी शिव भक्त बहुत ही बेसब्री से सावन शिवरात्रि का इंतजार करते हैं। सावन शिवरात्रि के दिन पूजा करने से भगवान शिव जी की कृपा बनी रहती है और उनकी कृपा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। लोगों के मन में समान शिवरात्रि को लेकर असमंजस्य की सावन शिवरात्रि कब है ( Sawan Ki Shivratri Kab Hai ) , आपके मन में सावन शिवरात्रि तिथि को लेकर किसी भी तरह की कोई असमंजस ना हो इसलिए आपको बनारस के महा विद्वान पंडित श्री हरि शंकर तिवारी के द्वारा सही तिथि पूजा विधि और शुभ मुहूर्त से जुड़ी जानकारी देंगे।
सावन शिवरात्रि कब है ( Sawan Ki Shivratri Kab Hai )
हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक मां के कृष्ण स्पष्ट की चतुर्दशी तिथि के दिन मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। सावन माह मे कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 23 जुलाई को सुबह 4:39 पर होगी, और इसका समापन अगले दिन 24 जुलाई को रात्रि में 2:28 पर होगी। इसलिए वर्ष 2025 में सूर्योदय तिथि के अनुसार सावन शिवरात्रि 23 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी।
सावन शिवरात्रि शुभ मुहूर्त
सावन शिवरात्रि पूजा ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:15 से लेकर 4:56 तक
सावन शिवरात्रि पूजा विजय मुहूर्त दोपहर 2:44 से लेकर 3:39 तक
सावन शिवरात्रि पूजा गोधूलि मुहूर्त संध्याकाल 7:15 सुबह के 7:38 तक
सावन शिवरात्रि पूजा निशिता मुहूर्त रात्रि 12:07 से लेकर 12:48 तक
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सावन शिवरात्रि में बना रहे दो मंगलकारी संयोग
समान शिवरात्रि के दिन घर्षण योग और भद्रावास योग के दो संजोग बन रहे हैं। इसलिए इन दोनों योग के समय पूजा करने से आपको पूजा का दोगुना फल प्राप्त होगा –
हर्षण योग – सावन शिवरात्रि के दिन हर्षण योग का निर्माण दोपहर 12:35 पर होगा और इसका समापन 24 जुलाई को सुबह 9:51 पर होगा। इस समय भगवान शिव जी और माता पार्वती की पूजा करने से आपको पूजा का कई गुना फल प्राप्त होता है और इसमें पूजा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
भद्रावास योग – सावन शिवरात्रि में भद्रवास योग का निर्माण दोपहर 3:31 पर होगा। अगर आप किस समय भगवान शिव जी और माता पार्वती की पूजा करते हैं तो आपकी मनचाही मुराद पूरी होती है। महाशिवरात्रि के दिन इस समय पूजा करने का सबसे अच्छा समय है।
सावन शिवरात्रि में कालसर्प दोष निवारण उपाय
अगर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है, आप कालसर्प दोष से मुक्ति पाना कहते हैं तो आप सावन शिवरात्रि के दिन शिव जी की पूजा करें। कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए आप सावन शिवरात्रि के दिन राहुकाल में शिव जी की पूजा करें। सावन शिवरात्रि में राहुकाल का मुहूर्त दोपहर 12:27 से दोपहर 2:10 तक रहेगा। इस समय आप कालसर्प दोष से निवारण के लिए शिवजी की पूजा कर सकते हैं।
सावन शिवरात्रि में करें रुद्राभिषेक
सावन महीने में रुद्राभिषेक करना बहुत ही शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार सावन महीने में रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और रुद्राभिषेक करने से सेहत आयु धन वैभव बल यश की प्राप्ति होती है। अगर आप सामान शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक करते हैं तो इसका आपको कई गुना फल की प्राप्ति होती है और भगवान शिव जी की कृपा से आपकी सभी मनोवांछित मनोकामनाएं पूरी होती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल ( FAQ )
सावन में शिवरात्रि व्रत कब है?
सावन में शिवरात्रि व्रत 23 जुलाई 2025 को है।
सावन शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर क्या चढ़ाना चाहिए ?
सावन शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर एक लोटा गंगाजल उसमें बेलपत्र फूल चलना चाहिए।
सावन शिवरात्रि व्रत कैसे खोलें?
सावन शिवरात्रि व्रत खोलने से पहले आप भगवान शिव जी और माता पार्वती की पूरी विधि विधान के साथ पूजा करें और इसके बाद आप फलाहार खाकर व्रत तोड़ सकते हैं।
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