Radha Ashtami Vrat Vidhi : राधा अष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्णा और राधा रानी की पूजा की जाती है, शास्त्रों में राधा अष्टमी के दिन पूजा पाठ और व्रत के कुछ नियम बताए गए हैं, अगर आप राधा अष्टमी व्रत रखते हंर और आप राधा अष्टमी व्रत का फल लेना चाहते हैं तो आप एक दिन व्रत के दौरान विधिवत तरीके से पूजा पाठ करें और व्रत रखें। राधा अष्टमी के दिन क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए इसके अलावा राधा अष्टमी व्रत विधि ( Radha Ashtami Vrat Vidhi ) के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी।
राधा अष्टमी कब मनाई जाएगी ?
राधा अष्टमी व्रत प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 31 अगस्त 2025 को हो हो रही है और इसी दिन राधा अष्टमी पर्व मनाया जाएगा।
राधा अष्टमी व्रत विधि ( Radha Ashtami Vrat Vidhi )
- राधा अष्टमी व्रत के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें, अगर संभव हो तो जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें तो बहुत ही अच्छा है।
- स्नान करने के बाद आप साफ कपड़े पहने और व्रत का संकल्प ले।
- राधा अष्टमी व्रत के दौरान आपको ब्रह्मचर्य नियम का पालन करना है इसके अलावा इस दिन आपका मन शारीरिक रूप से मानसिक रूप से शुद्ध होना चाहिए ।
- यानी कि आपके अंदर किसी भी तरह गंदे विचार नहीं आने चाहिए और ना ही किसी के बारे में गलत बोलना चाहिए।
- अब आपको पूजा स्थल पर भगवान श्री कृष्णा और राधा रानी की प्रतिमा स्थापित करें और पूरे विधिवत तरीके से पूजा पाठ करें।
- आप राधा रानी को ताजे फल दूध दही से बने प्रसाद अर्पित करें।
- अब आप राधा अष्टमी व्रत का कथा का पाठ करें।
- राधा अष्टमी व्रत का पारण आप शुभ मुहूर्त पर ही करें ताकि पूजा का पूरा फल प्राप्त हो।
- व्रत खोलने से पहले आप राधा रानी को भोग लगे और और पूजा करें।
- व्रत खोलने से पहले आप जरूरतमंद लोगों को वस्त्र अन्न धन का दान करें और इस दिन गौ सेवा भी करें।
राधा अष्टमी पूजा सामग्री
पूजा सामग्री
पुष्प और फूलों की माला
रोली एवं अक्षत
सुगंध और चंदन
सिंदूर
फल
केसरयुक्त खीर
राधा रानी के वस्त्र और आभूषण
इत्र
देसी घी का दीपक
अभिषेक के लिए पंचामृत
राधा रानी पूजा के समय मंत्र का पाठ शुरू करें
आप भगवान श्री कृष्णा और राधा रानी की पूजा करने के बाद आप “ॐ ह्रीं राधिकायै नमः” मंत्र का जब जरुर करें। इसके अलावा आप श्री राधा स्त्रोत का पाठ करें, पूजा समाप्त होने के बाद आप राधा कृष्ण भजन करें और भक्ति भाव के साथ प्रसाद वितरण करें।
Radha Ashtami Vrat : राधाष्टमी व्रत कब है ? जानिए शुभ, मुहूर्त महत्व और नियम
राधा अष्टमी व्रत रखने से क्या फल मिलता है ?
राधा श्री व्रत रखने से साधक की जिंदगी में सुख समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है, सच्चे मन और श्रद्धा के साथ राधास्वामी व्रत रखने से भगवान श्री कृष्णा और राधा रानी की कृपा बनी रहती है। क्योंकि राधा रानी मां लक्ष्मी का ही स्वरुप है इसलिए मां लक्ष्मी जी की कृपा हरदम बनी रहती है और जिंदगी में कभी धन दौलत की कमी नहीं होती है।
राधा अष्टमी पर लगाए ये भोग
राधा अष्टमी पूजा के दौरान आपको राधा रानी के पसंद के भोग जरूर लगाने चाहिए, आप राधा रानी को अरबी की सब्जी का भोग जरूर लगाए इसके अलावा आप पंचामृत का भोग जरूर लगाए। इसके अलावा आप पीली मिठाई, ताजे फल और मालपुआ का भोग जरूर लगाए।
मैं अक्षय पाटील मुंबई का रहने वाला हूं, मैं मुंबई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है, मुझे आध्यात्मिक एस्ट्रोलॉजी चीजों से बहुत ही अधिक जुड़ाव है जिसकी वजह से मैं डिजिटल मार्केटिंग के साथ-साथ आध्यात्मिक और एस्ट्रोलॉजी पर कंटेंट राइटिंग करता हूं, मैं पिछले दो वर्षों से कंटेंट राइटिंग का वर्क कर रहा हूं और पिछले 3 महीने से bhaktisanchar.com वेबसाइट पर कंटेंट राइटिंग और एडिटर के तौर पर काम कर रहा हूं।
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