Khatu Shyam Ji Ki Aarti : हारे का सहारा खाटू श्याम हमारा, यह एक बात नहीं है बल्कि यह एक सच्चाई है। जब व्यक्ति हर जगह से हार चुका होता है और उसकी जिंदगी में उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आती है तब व्यक्ति खाटू श्याम के शरण में जाता है। कहते हैं कि जो भी व्यक्ति सच्चे भक्ति भाव और श्रद्धा के साथ खाटू श्याम के शरण में जाता है उसे व्यक्ति के सभी दुख तकलीफ दूर हो जाते हैं। अगर आप प्रतिदिन सुबह शाम खाटू श्याम जी की आरती करते हैं तो आपके सभी दुख तकलीफ दूर होते हैं।
आपने किसी न किसी से खाटू श्याम के चमत्कार के बारे में अवश्य सुना होगा। जब इंसान की सभी उम्मीद समाप्त हो जाती है तो खाटू श्याम अपनी एक दिव्या दृष्टि से उसे व्यक्ति की सभी दुख तकलीफ कष्ट समाप्त कर देते हैं। अगर आप भी अपनी जिंदगी के दुख तकलीफ दूर करना चाहते हैं तो आप प्रत्येक दिन श्याम बाबा की कथा खाटू श्याम बाबा की आरती जरूर करें और अपनी जिंदगी में अचंभित बदलाव महसूस करें।
Khatu Shyam Ji Ki Aarti / Khatu Shyam Aarti / खाटू श्याम आरती / श्याम बाबा की आरती लिखित में
Khatu Shyam Ji Ki Aarti ( खाटू श्याम आरती )
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।रतन जड़ित सिंहासन,
सिर पर चंवर ढुरे ।
तन केसरिया बागो,
कुण्डल श्रवण पड़े ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।गल पुष्पों की माला,
सिर पार मुकुट धरे ।
खेवत धूप अग्नि पर,
दीपक ज्योति जले ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।मोदक खीर चूरमा,
सुवरण थाल भरे ।
सेवक भोग लगावत,
सेवा नित्य करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।झांझ कटोरा और घडियावल,
शंख मृदंग घुरे ।
भक्त आरती गावे,
जय-जयकार करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।जो ध्यावे फल पावे,
सब दुःख से उबरे ।
सेवक जन निज मुख से,
श्री श्याम-श्याम उचरे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।श्री श्याम बिहारी जी की आरती,
जो कोई नर गावे ।
कहत भक्त-जन,
मनवांछित फल पावे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।जय श्री श्याम हरे,
बाबा जी श्री श्याम हरे ।
निज भक्तों के तुमने,
पूरण काज करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
श्री श्याम विनती: हाथ जोड़ विनती करू तो सुनियो चित्त लगाये!
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