Maa Katyayani Mantra : नवरात्रि के छठा दिन मां कात्यायनी की समर्पित है, इस दिन मां कात्यानी की पूरी विधिवत तरीके से पूजा की जाती है, इस दिन माता रानी की पूजा करने से भक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, जिंदगी में आने वाले सभी समस्याएं दूर होती हैं और भक्तों को शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। नवरात्रि छठे दिन मां कात्यानी पूजा के समय मां कात्यानी मंत्र ( Maa Katyayani Mantra ) जप करने से माता रानी की कृपा हरदम आप पर बनी रहती है।
मां कात्यायनी का स्वरूप
मां कात्यायनी सिंह पर सवार और चार भुजाओं वाली देवी है, माता रानी के एक हाथ में तलवार दूसरे हाथ में कमल का फूल तीसरे में अभय मुद्रा और चौथे में वरद मुद्रा है। माता रानी के तेज प्रभाव और उनकी दृष्टि पड़ने से ही भक्ति के सभी दुख समस्याएं कष्ट दूर होते हैं। मां कात्यायनी की पूजा करने से भक्त की सभी समस्याओं का अंत होता है और जीवन में सुख समृद्धि शांति आती है।
मां कात्यायनी का प्रिय भोग और फूल
मां कात्यायनी को शहर पीले रंग की मिठाइयां जैसी की बेसन के लड्डू केसरिया भात बहुत अधिक प्रिय है। आप नवरात्रि के छठे दिन माता रानी की पूजा के समय पीले रंग की मिठाइयां या फिर केसरिया भात का भोग जरुर अर्पित करें। माता रानी की सच्चे भक्ति भाव और पूरी श्रद्धा भाव के साथ पूजा करने से ही धन और यश की प्राप्ति होती है और माता रानी की कृपा से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जिंदगी में सुख समृद्धि शांति आती है।
मां का प्रिय फूल – माता रानी को पीले का लाल रंग के पुष्प बहुत अधिक पसंद है इसलिए आप सभी लोग पूजा के समय माता रानी को पहले या लाल रंग पुष्पर्शित करें इसके अलावा आप माता रानी को चमेली का फूल जरूर अर्पित करेंगे बहुत ही माता रानी को प्रिय है।
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मां कात्यानी मंत्र ( Maa Katyayani Mantra )
मां कात्यायनी का बीज मंत्र:
क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।
विधि विधान से पूजा करने बाद लाल चंदन की माला से मां कात्यायनी के बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं।
मां कात्यायनी के लिए प्रार्थना मंत्र:
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥
मां कात्यायनी का स्तुति मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अन्य मंत्र
‘ॐ ह्रीं नम:।।’
चन्द्रहासोज्जवलकराशार्दुलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।
ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥
बीज मंत्र जाप का लाभ
बीज मंत्रों का जाप रोग, शारीरिक कष्ट, भय, चिंता, दुख से मुक्ति, शत्रु पर विजय प्राप्ति आदि के लिए किया जाता है। इनका जाप करने से जीवन में सुख और समृद्धि भी आती है।
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