Navratri Ka Paran Kab Hai : शारदीय नवरात्रि मे सभी भक्त लोग पूरे 9 दिन मां दुर्गा के 9 अलग अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना करते हैं। इस बार नवरात्रि में 9 दिन की बजाय 10 दिन की पड़ रही है, इसलिए सभी भक्त लोगों के मन में शंका है कि नवरात्रि व्रत कब खोला जाएगा ( Navratri Ka Paran Kab Hai ), नवरात्रि व्रत अष्टमी या नवमी तिथि के दिन आप खोल सकते हैं, अगर आपके मन में कंफ्यूजन है कि नवरात्रि व्रत का पारण कब करें तो आप किस कंफ्यूजन को यहां पर दूर करेंगे।
नवरात्रि पारण तिथि 2025 ( Navratri Ka Paran Kab Hai )
हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की महानवमी 1 अक्टूबर 2025 को पड़ रही है। वही नवरात्रि की दशमी अगले दिन 2 अक्टूबर 2025 के दिन पड़ रही है और इस दिन ही विजयदशमी यानी दशहरा पर्व मनाया जाएगा। हिंदू शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि व्रत का पारण महानवमी के दिन हवन और कन्या पूजन की बात किया जाता है। ज्योतिष आचार्य के अनुसार इस बार नवरात्रि व्रत का पारण 1 अक्टूबर 2025 को करना सबसे शुभ और उचित माना गया है।
यह भी पढ़ें – हनुमान जी के 108 नाम जप करने से पूरे होगी सभी मनोकामनाएं
नवरात्रि व्रत पारण की विधि
- आप नवमी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े धारण करें।
- अब आप पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और वहां पर दीपक जलाएं।
- अब आपको मां दुर्गा जी की प्रतिमा में फूल फल और मिठाइयां अर्पित करें और उसके बाद आप माता रानी को नारियल गाना मिश्री और फल का भोग चढ़ाए।
- अब आपको कन्या पूजन और कन्या भोज के लिए 7 या 9 या 11 छोटी कन्याओं को बुलाकर छोटी कन्याओं की पूजन करें और उसके बाद उन्हें भोजन कराये।
- अब आप उनके चरण धोकर माथे का तिलक लगाकर उन्हें चुनरी या उपहार दें।
- नवमी तिथि के दिन आप हवन और दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करें इसके बाद मां दुर्गा जी के मंत्र का जाप करें और दुर्गा चालीसा और दुर्गा आरती करने के बाद व्रत पारण करें।
नवरात्रि व्रत पारण में रखें सावधानियां
- नवरात्रि व्रत पन के दिन आप केवल सात्विक भोजन का ही करें इस समय प्याज और लहसुन का प्रयोग बिल्कुल ना करें।
- आप कन्या भोजन तैयार करते समय पूरी शुद्धता और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
- कन्या पूजन करने में आप किसी वितरण की कोई जल्दबाजी न करें।
- आप इस दिन माता रानी की पूरी विधि विधान के साथ पूजा करें और साथ में दुर्गा चालीसा दुर्गा सप्तशती पाठ दुर्गा मंत्र और दुर्गा आरती जरूर करें।
- कन्या पूजन करने के बाद आप अपने सुविधा अनुसार छोटी कन्याओं को दक्षिण भेंट करें।
- व्रत पारण करने के बाद आप गरीब और भूखे लोगों को खाना खिलाए इसके अलावा आप अपनी सुविधा अनुसार लोगों को वस्त्र दक्षिण या फिर अनाज का दान करें।