Karwa Chauth Puja Samagri : सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ व्रत बहुत ही बड़ा महत्व रखता है, खास तौर पर वह महिलाएं जो पहली बार करवा चौथ व्रत रखने जा रही है उनके लिए करवा चौथ का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है। करवा चौथ व्रत में सभी सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन सुहागन महिलाएं निर्जला व्रत के साथ-साथ चंद्रोदय के बाद चंद्रदेव को अर्ध देकर अपना व्रत तोड़ती है।
धार्मिक ग्रंथो के अनुसार करवा चौथ के दिन करवा माता की पूजा की जाती है और इस दिन सभी महिलाएं अपने पति की लंबी आयु अच्छी सेहत और घर में खुशहाली के लिए निर्जला व्रत रखकर पूजा करती हैं। करवा चौथ व्रत पति और पत्नी के अटूट प्रेम का प्रतीक है। करवा चौथ व्रत के दिन पूजा का बहुत विशेष महत्व है, अगर आप पहली बार करवा चौथ व्रत रखने जा रही हैं और आपको नहीं मालूम की करवा चौथ पूजा में क्या-क्या पूजा सामग्री लगती है ( Karwa Chauth Puja Samagri ) तो यहां पर आपको पूरी जानकारी और सटीक इनफॉरमेशन प्राप्त होगी।
करवा चौथ व्रत 2025
करवा चौथ व्रत प्रत्येक वर्ष कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर 2025 दिन शुक्रवार को रखा जाएगा। करवा चौथ के दिन आपको करवा चौथ पूजा सामग्री लिस्ट ( Karwa Chauth Puja Samagri ) से जुड़ी पूरी जानकारी आपको नीचे मिलेगी।
करवा चौथ पूजन विधि सामग्री ( Karwa Chauth Puja Samagri )
पूजन के लिए : मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, अगरबत्ती, कपूर, पुष्प, लकड़ी का आसन, छलनी, पानी का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी।
अर्घ्य और भोग: कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, गंगाजल, चंदन, चावल, शक्कर का बूरा, गेहूं, हलुआ, आठ पूरियों की अठावरी।
श्रृंगार सामग्री (सुहाग) : सिन्दूर, मेंहदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, कुमकुम, हल्दी, शहद।
अन्य : मिठाई, दक्षिणा के लिए पैसे आदि संपूर्ण सामग्री इकट्ठा करके रख लें।
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करवा चौथ पूजन विधि
- करवा चौथ के दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनकर सिंगर करें इसके बाद आप निर्जला व्रत का संकल्प लेकर व्रत प्रारंभ करें।
- करवा चौथ के दिन आपको निर्जला व्रत रखना है इसलिए आपको इस दिन जलपान यानी पानी नहीं पीना है।
- अब आप संध्या काल में स्नान करने के बाद सभी पूजन सामग्री इकट्ठा करें।
- अब आपको पूजा स्थल पर करवा माता की प्रिंटेड फोटो स्थापित करें।
- अब आपको शुभ मुहूर्त पर चौक स्थापित करें वहां पर भगवान शिव जी और माता पार्वती और साथ में पुत्र गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें।
- अब आप माता पार्वती को पूरी श्रृंगार सामग्री अर्पित करें और उसके बाद आप मिट्टी के करवा में जल भरकर रखें।
- अब आपको भगवान श्री गणेश मां गौरी भगवान शिव जी और करवा माता और चंद्र देव को ध्यान में रखकर करवा चौथ व्रत की कथा सुने।
- अब आप जैसे ही चंद्र देव निकले आप तुरंत चंद्रमा को पूजा करके अर्ध दें और इसके बाद छलनी से चंद्रमा को देखें और इसके बाद आप अपने पति के चेहरे को देखें।
- अब आप अपने पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोल और इसके बाद आप घर में मौजूद सभी बुजुर्ग और बड़े लोगों के पैर छूकर आशीर्वाद लें।
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