Chhoti Diwali Kab Ki Hai : छोटी दीवाली प्रत्येक वर्ष कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाई जाती है, छोटी दिवाली बड़ी दिवाली के एक दिन पहले मनाई जाती है। छोटी दिवाली को हम लोग नरक चतुर्दशी के नाम से भी जानते हैं इस दिन देवता यमराज की पूजा की जाती है मानता है कि इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की नई मूर्तियां स्थापित करके उनकी पूजा अर्चना की जाती है और भगवान कृष्ण की उपासना की जाती है।
हिंदू धर्म में छोटी दिवाली का बहुत ही विशेष महत्व है, छोटी दिवाली दिवाली की एक दिन पहले मनाई जाती है, अगर आपके मन में संशय है की छोटी दिवाली कब मनाई जाएगी, छोटी दिवाली कब है ( Chhoti Diwali Kab Ki Hai ) तो हम आपके यहां पर पूरी सटीक जानकारी देंगे और आपको बताएंगे की छोटी दिवाली कब है ( Chhoti Diwali Kab Ki Hai ) छोटी दीवाली पूजा शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व से भी जुड़ी पूरी संपूर्ण जानकारी आपको प्राप्त होगी।
छोटी दिवाली कब है ( Chhoti Diwali Kab Ki Hai )
हिंदू पंचांग के अनुसार छोटी दीवाली कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाई जाती है, इस वर्ष 2025 में चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 19 अक्टूबर को दोपहर 1:52 पर हो रही है और इसका समापन अगले दिन 20 अक्टूबर को दोपहर 3:44 पर होगा, उदया तिथि के हिसाब से छोटी दिवाली 19 अक्टूबर 2025 दिन रविवार को मनाई जाएगी.
छोटी दिवाली शुभ मुहूर्त
छोटी दिवाली के दिन घर में चौमुखी दीपक जलाने का विधान है इसलिए छोटी दिवाली के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 19 अक्टूबर 2025 दिन रविवार को 11:41 से लेकर देर रात्रि 12:31 तक रहेगा इस समय आप पूजा अर्चना कर सकती हैं।
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छोटी दिवाली का धार्मिक महत्व
प्रोडक्ट कथाओं के अनुसार भगवान श्री कृष्णा ने छोटी दिवाली के दिन नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था और 16000 महिलाओं को उसकी कैद से मुक्त कराया था इस उपलक्ष में दीपक जलाए गए थे और भगवान श्री कृष्ण की पूजा की गई थी तब से छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है और पूरे धूमधाम के साथ छोटी दीवाली मनाई जाती है।
छोटी दीवाली और बड़ी दिवाली में क्या अंतर है ?
अगर आपके मन में कंफ्यूजन है की छोटी दीवाली और बड़ी दिवाली में क्या अंतर है तो यहां पर आपको बताना चाहता हूं कि छोटी दिवाली के दिन सभी लोग साधारण रूप से पूजा पाठ करते हैं और घर के मुख्य द्वार पर जो मुख दीपक जलाकर बड़ी दिवाली की शुरुआत करते हैं। वही बड़ी दिवाली के दिन पूरे घर में दीपक जलाकर भगवान गणेश लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है और इस दिन पूरे विधि विधान के साथ पूजा पाठ की जाती है।