Brihaspati Bhagwan Ki Aarti : सनातन धर्म में गुरु बृहस्पति को सभी देवताओं में से सबसे श्रेष्ठ और गुरु माना जाता है। अगर किसी व्यक्ति के कुंडली में गुरु कमजोर होता है तो इससे व्यक्ति के जीवन में बहुत अधिक समस्याएं आती हैं। अगर व्यक्ति को अपने जीवन में सुख शांति समृद्धि धन संपदा चाहिए तो व्यक्ति को अपनी कुंडली में गुरु यानी बृहस्पति को मजबूत करना होगा। अगर व्यक्ति के कुंडली में ग्रुप बृहस्पति उच्च स्तर पर होते हैं तो इससे व्यक्त की जिंदगी में हरदम सुख ही सुख होता है।
सभी व्यक्तियों को अगर अपने जीवन में सुख समृद्धि शांति धन संपदा चाहिए तो व्यक्ति को बृहस्पतिवार के दिन पूर्व बृहस्पति की पूजा करनी चाहिए और इस दिन व्रत भी रखना चाहिए। आप प्रत्येक गुरुवार को गुरु बृहस्पति की पूजा करें उनकी आरती करें ( Brihaspati Bhagwan Ki Aarti ) और इस दिन पूरे भक्ति भाव और श्रद्धा के साथ व्रत रखें, गुरुवार के दिन आपको पूजा के समय बृहस्पतिवार की आरती ( Brihaspati Bhagwan Ki Aarti ) करनी चाहिए और बृहस्पति भगवान की कथा जरूर सुनाई चाहिए, ऐसा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। आपको भगवान बृहस्पति की पूजा में किसी भी तरह की कोई समस्या ना हो इसके लिए हम आपको “बृहस्पतिवार की आरती लिखित में” दे रहे हैं-
Brihaspati Bhagwan Ki Aarti – बृहस्पतिवार की आरती लिखित में
जय वृहस्पति देवा,
ऊँ जय वृहस्पति देवा ।
छिन छिन भोग लगाऊँ,
कदली फल मेवा ॥
ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥
तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी ।
जगतपिता जगदीश्वर,
तुम सबके स्वामी ॥
ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥
चरणामृत निज निर्मल,
सब पातक हर्ता ।
सकल मनोरथ दायक,
कृपा करो भर्ता ॥
ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥
तन, मन, धन अर्पण कर,
जो जन शरण पड़े ।
प्रभु प्रकट तब होकर,
आकर द्घार खड़े ॥
ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥
दीनदयाल दयानिधि,
भक्तन हितकारी ।
पाप दोष सब हर्ता,
भव बंधन हारी ॥
ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥
सकल मनोरथ दायक,
सब संशय हारो ।
विषय विकार मिटाओ,
संतन सुखकारी ॥
ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥
जो कोई आरती तेरी,
प्रेम सहित गावे ।
जेठानन्द आनन्दकर,
सो निश्चय पावे ॥
ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥
सब बोलो विष्णु भगवान की जय ।
बोलो वृहस्पतिदेव भगवान की जय ॥
Brihaspati Bhagwan Ki Aarti English
Jai Brihaspati Deva,Om Jai Brihaspati Deva।
Chhina Chhina Bhoga Lagaun,Kadali Phala Meva॥
Om Jai Brihaspati Deva।
Tum Poorna Paramatma,Tum Antaryami॥
Jagatapita Jagadishvara,Tum Sabke Swami।
Om Jai Brihaspati Deva॥
Charanamrita Nija Nirmala,Saba Pataka Harta।
Sakala Manoratha Dayaka,Kripa Karo Bharta॥
Om Jai Brihaspati Deva।
Tana Mana Dhana Arpana Kara,Jo Jana Sharana Pade॥
Prabhu Prakata Tab Hokara,Aakar Dwara Khade।
Om Jai Brihaspati Deva॥
Deendayala Dayanidhi,Bhaktana Hitkari।
Paap Dosha Sab Harta,Bhava Bandhana Haari॥
Om Jai Brihaspati Deva।
Sakala Manoratha Dayaka,Sab Sanshaya Taro॥
Vishaya Vikara Mitao,Santana Sukhakari।
Om Jai Brihaspati Deva॥
Jo Koi Aarti TeriPrema Sahita Gave।
Jeshtananda BandaSo So Nishchaya Pave॥
Om Jai Brihaspati Deva॥
Om Jai Bhraspati Deva II
! Sab Bolo Vishnu Bhagwan Ki Jai !!
! Sab Bolo Bhraspatidev Ki Jai !!
Aarti Shiv Ji Ki – ओम जय शिव ओंकारा की आरती लिखी हुई
बृहस्पति देव की आरती का महत्व
अगर आप अपनी कुंडली में बृहस्पति देव को उच्च करना चाहते हैं और बृहस्पति देव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको बृहस्पतिवार के दिन पूजा के साथ-साथ बृहस्पति देव की आरती जरूर करनी चाहिए। क्योंकि भगवान बृहस्पति देव की पूजा आरती के बिना अधूरी मानी जाती है। बृहस्पति देव की पूजा तभी संपन्न मानी जाएगी तब आप पूजा को पूरी विद्या विधान और आरती के साथ संपन्न करेंगे।
बृहस्पति देव की पूजा और आरती करने के लाभ
- गुरुवार के दिन बृहस्पति देव की पूजा और आरती करने से कुंडली में बृहस्पति ग्रह मजबूत होते हैं।
- ग्रुप बृहस्पति देव की पूजा करने से व्यक्ति का भाग्य मजबूत होता है।
- ग्रुप बृहस्पति की पूजा और आरती करने से वैवाहिक जीवन में खुशियां आती हैं और संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- गुरु बृहस्पति की पूजा और आरती करने से जीवन में सुख समृद्धि शांति आती है और आर्थिक समृद्धि बढ़ती है।