Vivah Muhurat 2026 : अगर आप शादी की तैयारी कर रहे हैं और आप अपनी शादी का प्लान 2026 में कर रहे हैं तो आपके लिए जनवरी से दिसंबर 2026 तक विवाह मुहूर्त 2026 ( Vivah Muhurat 2026 ) की पूरी लिस्ट लेकर आए हैं। आप अभी से 2026 विवाह मुहूर्त के हिसाब से अपनी डेट यानी लग्न निकलवा कर शादी की तैयारी शुरू कर सकते हैं, आपको विवाह मुहूर्त निकालने मे और शादी की तैयारी करने में किसी भी तरह की सब कोई समस्या ना हो इसके लिए विवाह मुहूर्त 2026 की पूरी लिस्ट नीचे प्रोवाइड कर रहे हैं-
विवाह मुहूर्त 2026 ( Vivah Muhurat 2026 )
शादी की तैयारी कर रहे कई राशि जातकों के लिए 2026 बहुत ही शुभ होने वाला है, गुरु बृहस्पति की कृपा से कई राशि की जातकों की विवाह से जुड़ी समस्या समाप्त होगी और 2026 में शादी बंधन में बनने का मौका मिलेगा, चलिए बिना देरी करें जानते हैं 2026 में विवाह मुहूर्त कब कब है –
नोट – वर्ष 2026 में जनवरी अगस्त सितंबर और अक्टूबर में कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है इसके अलावा आपके लिए 8 महीने में विवाह के शुभ मुहूर्त है।
फरवरी 2026 विवाह मुहूर्त – फरवरी में विवाह के लिए 13 शुभ विवाह मुहूर्त उपलब्ध है, आप फरवरी में 4,5,6,8,10,12,14,19,20,21,24,25 और 26 फरवरी विवाह शुभ मुहूर्त है।
मार्च 2026 विवाह मुहूर्त – मार्च में विवाह के लिए 7 शुभ मुहूर्त उपलब्ध है, 2,3,4,7,9,11 और 12 मार्च 2026 विवाह मुहूर्त।
अप्रैल 2026 विवाह मुहूर्त – अप्रैल में विवाह के लिए आठ शुभ विवाह मुहूर्त है । 15,20,21,25,26,27,28 और 29 अप्रैल 2026 विवाह मुहूर्त
मई 2026 विवाह मुहूर्त – मैं में विवाह के लिए आठ शुभ विवाह मुहूर्त उपलब्ध है, 1,3,5,6,7,13,14 मई 2026 विवाह मुहूर्त
जून 2026 विवाह मुहूर्त – जून में विवाह के लिए आठ शुभ मुहूर्त है 21 22 23 24 25 26 27 और 29 जून 2026 विवाह मुहूर्त
जुलाई 2026 विवाह मुहूर्त – जुलाई में विवाह के लिए पांच दिवस मुहूर्त उपलब्ध है 1,6,7,11 और 12 जुलाई 2026 विवाह मुहूर्त,
नवंबर 2026 विवाह मुहूर्त – नवंबर में विवाह के लिए चार शुभ मुहूर्त है, 21 24 25 26 नवंबर 2026 विवाह मुहूर्त
दिसंबर 2026 विवाह मुहूर्त – दिसंबर में विवाह के लिए साथ शुभ मुहूर्त है, 2 3 4 5 6 11 12 दिसंबर 2026 विवाह मुहूर्त
विवाह और शुभ कार्य कब नहीं किए जाते हैं?
सनातन धर्म में चातुर्मास महीने में शादी विवाह के साथ-साथ कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं, आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन से भगवान विष्णु शिव सागर में विश्राम करने चले जाते हैं और तभी से चतुश्मा शुरू होता है और देव उठानी एकादशी से शुभ कार्य प्रारंभ किए जाते हैं, इसके अलावा जब सूर्य देव धनु और मीन राशि में गोचर करते हैं तब विवाह शादी नहीं किए जाते हैं।