December Mein Purnima Kab Hai : पूर्णिमा तिथि के दिन स्नान और दान करने से जीवन में सुख समृद्धि शांति आती है इतना ही नहीं पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान श्री हरि विष्णु जी की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। पूर्णिमा तिथि के दिन जो व्यक्ति व्रत रखकर भगवान श्री विष्णु जी की पूजा करता है और इस दिन सत्यनारायण की कथा सुनता है उसके जीवन की सभी दुखों का नाश होता है और जीवन में सुख समृद्धि और खुशहाली आती है।
हमारे सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का बहुत ही विशेष महत्व माना जाता है, पूर्णिमा तिथि जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु जी को समर्पित है और इस दिन पवित्र नदी यानी गंगा जी में स्नान करने से और पूजा करने से भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। अगर आप जानना चाहते हैं कि दिसंबर में पूर्णिमा कब है ( December Mein Purnima Kab Hai ) तो आपके यहां पर पूरी जानकारी प्राप्त होगी और साथ में पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में भी सटीक जानकारी मिलेगी।
दिसंबर में पूर्णिमा कब है 2025 ( December Mein Purnima Kab Hai )
दिसंबर महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार दिसंबर में पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 4 दिसंबर 2025 को सुबह 8:37 पर होगी और इसका समापन अगले दिन 5 दिसंबर 2025 को सुबह 4:45 पर होगा। उदय तिथि के हिसाब से दिसंबर में पूर्णिमा 4 दिसंबर 2025 को मनाई जाएगी। पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने के बाद भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी जी की पूजा करने से आपको सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025 शुभ मुहूर्त
- स्नान दान का शुभ मुहूर्त सुबह 5:10 से लेकर सुबह 6:04 तक
- सत्यनारायण पूजा का शुभ मुहूर्त 10:53 से लेकर दोपहर 1:29 तक
- चंद्रोदय समय दोपहर 4:34
पूर्णिमा का महत्व
सनातन धर्म में पूर्णिमा का महत्व बहुत ही अधिक है इस दिन गंगा जी में स्नान करके भगवान विष्णु जी की पूजा की जाती है और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन जो भी व्यक्ति व्रत रहता है और श्री हरि विष्णु जी की पूजा करता है उसे व्यक्ति की जीवन की सभी समस्याएं दूर होती हैं और उस पर हरदम भगवान श्री हरि विष्णु जी की कृपा बनी रहती है। पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से और दान पूर्ण करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
पूर्णिमा के दिन जरूर करें यह उपाय
पूर्णिमा तिथि के दिन आप सुबह जल्दी उठकर गंगा स्नान करें अगर आप गंगा स्नान नहीं कर सकते हैं तो अगर घर पर गंगाजल है तो आप नहाने वाले पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। पूर्णिमा तिथि के दिन गंगा स्नान का बहुत ही अधिक महत्व है। पूर्णिमा तिथि के दिन आपको एक आटे का दीपक बनाकर उसमें तिल का तेल डालकर दीपक जलाकर प्रातः काल में पीपल के वृक्ष के नीचे जलाएं इससे आपकी मनोकामनाएं पूरी होगी।
पूर्णिमा पूजा विधि
पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान श्री हरि विष्णु जी की पूजा की जाती है, आप शुभ मुहूर्त पर भगवान श्री हरि विष्णु जी की प्रतिमा स्थापित करें इसके बाद आप भगवान श्री हरि विष्णु जी को पंचामृत से स्नान कर कर उनका भोग लगे और इसके बाद पीले फूल पुष्प अर्पित करें इसके बाद आप सत्यनारायण की कथा करें। सतनारायण भगवान की आरती करने के बाद आप हाथ जोड़कर सब अपनी गलतियों के लिए क्षमा याचना करें।
सत्यनारायण पूजा सामग्री लिस्ट यहाँ से नोट कीजिये
मैं अक्षय पाटील मुंबई का रहने वाला हूं, मैं मुंबई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है, मुझे आध्यात्मिक एस्ट्रोलॉजी चीजों से बहुत ही अधिक जुड़ाव है जिसकी वजह से मैं डिजिटल मार्केटिंग के साथ-साथ आध्यात्मिक और एस्ट्रोलॉजी पर कंटेंट राइटिंग करता हूं, मैं पिछले दो वर्षों से कंटेंट राइटिंग का वर्क कर रहा हूं और पिछले 3 महीने से bhaktisanchar.com वेबसाइट पर कंटेंट राइटिंग और एडिटर के तौर पर काम कर रहा हूं।