Aja Ekadashi Vrat : हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी को समर्पित है, हिंदू पंचांग के अनुसार भारत पासवान के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन आज एकादशी व्रत रखा जाता है। एकादशी व्रत के दौरान भगवान विष्णु जी की पूजा की जाती है, मानता है कि जिस दिन व्रत रखने से और पूजा करने से जिंदगी में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और जिंदगी के दुख तकलीफ दूर होते हैं।
अगर व्यक्ति प्रत्येक एकादशी व्रत रखता है तो भगवान विष्णु जी की कृपा से उसकी जिंदगी में सभी दुख तकलीफ संकट दूर होते हैं और जिंदगी में सुख शांति आती है, इतना ही नहीं शास्त्रों में बताया गया है की एकादशी व्रत रखने से मनुष्य के पूर्व जन्म के पाप तक धूल जाते हैं। आईए जानते हैं इस वर्ष अजा एकादशी व्रत कब है ( Aja Ekadashi Vrat ) सही तिथि पारण का समय और शुभ मुहूर्त से जुड़ी संपूर्ण जानकारी आपको प्राप्त होगी।
अजा एकादशी व्रत कब है ( Aja Ekadashi Vrat )
हिंदू पंचांग के अनुसार भारत मास के किस वर्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 18 अगस्त 2025 को संध्या काल 5:22 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन 19 अगस्त 2025 को दोपहर 3:32 पर होगा, उदया तिथि के अनुसार अजा एकादशी का व्रत 19 अगस्त 2025 को रखा जाएगा।
अजा एकादशी पारण समय
हिंदू पंचांग के अनुसार एकादशी व्रत का पारण हमेशा द्वादशी तिथि के दिन किया जाता है, अजा एकादशी व्रत का पारण 20 अगस्त को सुबह 5:53 से लेकर सुबह 8:29 के बीच कर सकते हैं।
अजा एकादशी महत्व
हिंदू शास्त्रों के अनुसार अजा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु जी के आशीर्वाद और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु जी की पूरी विधि विधान के साथ पूजा की जाती है, मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु जी की उपासना करने से मनुष्य को मृत्यु के बाद विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। भगवान जी विष्णु जी की कृपा से जिंदगी में चल रहे सभी समस्याएं समाप्त होती है और जिंदगी में सुख शांति समृद्धि आती है।
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अजा एकादशी व्रत में क्या दान करना चाहिए?
अजा एकादशी व्रत का बहुत बड़ा विशेष महत्व है, इस दिन पूजा पाठ और व्रत रखने के साथ-साथ प्रदान करने से भी बहुत लाभ होता है। एकादशी व्रत के दिन पूजा पाठ करने के बाद आप गरीब लोगों को अन्न -धन और कपड़े का दान करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन दान पूण करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु जी की कृपा से सभी अधूरे कार्य पूरे होते हैं।
अजा एकादशी पूजा विधि
- अजा एकादशी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहने, उसके बाद घर में मंदिर की साफ सफाई करें ।
- अब आप पूजा स्थल पर भगवान विष्णु जी की मूर्ति स्थापित करें और पूरे विधि विधान के साथ पूजा करें।
- अब आपको विश्व सहस्त्रनाम का पाठ करें।
- इसके बाद आप व्रत के लिए संकल्प ले।
- आपको रात्रि के समय जागरण करना है यानी कि भजन कीर्तन करना है और अगले दिन व्रत का पारण करना है।