Bajrang Baan Benefits : मंगलवार के दिन पूजा के समय करें बजरंग बाण का पाठ, पूरे होंगे सारे बिगड़े काम, जानिए बजरंग बाण पाठ के लाभ

Bajrang Baan Benefits : मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से आपके सभी ग्रह दोष दूर होते हैं और आप पर हरदम हनुमान जी की कृपा बनी रहती है। अगर आप मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा के साथ-साथ हनुमान चालीसा पाठ करते हैं और साथ में आप बजरंग बाण पाठ करते हैं तो उसके आपको बहुत चमत्कारिक लाभ देखने को मिलते हैं। अगर कोई साधक मंगलवार व्रत रखता है और हनुमान जी की पूजा करता है तो उसके सभी कार्य सिद्ध होते हैं।

बजरंग बाण भगवान हनुमान जी को समर्पित एक बहुत ही शक्तिशाली प्रार्थना है। बजरंग बाण पाठ करने से ही आप भगवान हनुमान जी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। अगर आप अपने जीवन में करियर कारोबार में मन मुताबिक सफलता प्राप्त करना चाहते हैं और आप अपने जीवन के सभी बिगड़े काम बनाना चाहते हैं तो आप बजरंग बाण पाठ जरूर करें। हम आपको बजरंग बाण पाठ के लाभ ( Bajrang Baan Benefits ) के बारे में कुछ इंपॉर्टेंट बजरंग बाण पाठ लाभ ( Bajrang Baan Benefits ) के बारे में जानकारी देंगे।

बजरंग बाण पाठ के लाभ ( Bajrang Baan Benefits )

आपको बजरंग बाण पाठ के कुछ प्रमुख लाभ बताएंगे और आप यकीन करिए अगर आप सच्चे भक्ति भाव और पूरे श्रद्धा के साथ बजरंग बाण पाठ करते हैं तो आपको इसके बहुत सारे चमत्कारिक लाभ मिलेंगे –

व्यापार करियर में सफलता

अगर आप अपने व्यापार करियर को लेकर परेशान है, आपको प्रतिदिन बजरंग बाण पाठ करना चाहिए, नियमित रूप से बजरंग बाण पाठ करने से आपके व्यापार करियर में चल रही समस्याएं समाप्त होगी और हनुमान जी की कृपा से आप व्यापार और करियर में अपार सफलता प्राप्त करेंगे। बजरंग बाण पाठ करने के कुछ दिनों के अंदर ही आपको इसका प्रभाव दिखना शुरू हो जाएगा।

समाप्त होंगे सभी कष्ट-संकट

बजरंग बाण पाठ करने से आपके जीवन में चल रहे सभी दुख तकलीफ कष्ट संकट समाप्त होते हैं। हनुमान बजरंग बाण पाठ करने के प्रभाव से आपके जीवन में आने वाले सभी कष्ट संकट दूर होते हैं और आपके जीवन में हरदम सुख समृद्धि शांति रहती है।

कुंडली में अशुभ ग्रह से मुक्ति

अगर आपको अपने जीवन में बार-बार समस्याएं उठानी पड़ रही है या फिर आपकी कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव है तो आपके लिए बजरंग बाण पाठ बहुत ही लाभदायक साबित होगा। नियमित रूप से हनुमान बजरंग बाण पाठ करने से आपकी कुंडली के सभी अशुभ ग्रहों के दोष दूर होते हैं।

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गंभीर बीमारी से मुक्ति

अगर आप गंभीर बीमारी से ग्रसित है और आपके इलाज करने के बावजूद बीमारी में कोई फायदा नहीं दिख रहा है तो आप बजरंग बाण पाठ करें। नियमित रूप से बजरंग बाण पाठ करने से कोई भी गंभीर बीमारी से निजात मिलती है। बजरंग बाण पाठ करने से ही आपकी गंभीर बीमारी में चमत्कारिक लाभ मिलने शुरू होते हैं।

आंतरिक शक्ति

अगर आप नियमित रूप से बजरंग बाण पाठ करते हैं तो आपके ऊपर भगवान हनुमान जी की कृपा बनी रहती है और आपके अंदर ब्रह्मांड की ऊर्जा का संचार होता है। अगर कोई भक्त पूरे विधि विधान और सच्चे भक्ति भाव के साथ बजरंग बाण पाठ करता है तो उस भक्ति को अपने अंदर एक अधिक शक्तिशाली होने का एहसास होता है। बजरंग बाण पाठ के प्रभाव से आप अपने आप को नई ऊर्जा और नए साहस को महसूस करते हैं। जीवन में आने वाली सभी समस्याओं से लड़ने में आप अपने आप को सक्षम पाते हैं।

मानसिक शांति

अगर आपके मन में बेचैनी रहती है या फिर आपके अंदर किसी भी तरह का कोई डर रहता है तो आपको प्रतिदिन बजरंग बाण पाठ करना चाहिए। बजरंग बाण पाठ करने से आपको मानसिक शांति प्राप्त होती है और आपके अंदर सुकून महसूस होता है। बजरंग बाण के शब्दों के प्रभाव से आपको एक अलग तरह की शक्ति मिलती है जिसकी वजह से आप अपने जीवन में संतुलन बनाए रखने में कामयाब रहते हैं।

आध्यात्मिक ऊर्जा की प्राप्ति

निमित्त रूप से बजरंग बाण पाठ करने से आपके प्रति भगवान हनुमान जी की भक्ति और भी गहरी होती है। बजरंग बाण पाठ करने से हनुमान जी की कृपा आप पर हरदम बनी रहती जिसकी वजह से आपको हरदम अपने आप को सुरक्षित महसूस होता है और आपके अंदर आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रभाव होता है।

बजरंग बाण पाठ के नियम

आपको प्रत्येक दिन या फिर मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान चालीसा के साथ बजरंग बार पाठ करने से बहुत ही आश्चर्यचकित फायदे मिलते हैं, बजरंग बाण पाठ करने से पहले आपको इस बजरंग बाण पाठ के नियम के बारे में मालूम होना बहुत ही आवश्यक है तभी आपको बजरंग बाण पाठ का पूरा लाभ प्राप्त होगा –

  • बजरंग बाण पाठ सूर्योदय के समय करना सबसे अच्छा माना जाता है।
  • आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और पीले वस्त्र धारण करें।
  • अब आप पूजा स्थल पर भगवान हनुमान जी की प्रतिमा के सामने कुश से बने आसन पर बैठ जाएं।
  • अब आप धूप दीप फूल और सिंदूर लगाकर हनुमान जी की पूजा करें।
  • हनुमान जी को भोग में तुलसी दल लड्डू पान पत्ते और मौसमी फल जरुर चढ़ाएं
  • अब आप भगवान गणेश जी के नाम और मंत्र का उच्चारण करें और फिर इसके बाद आप प्रभु श्री राम और माता सीता का ध्यान करते हुए अपनी सभी मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना करें।
  • अब आप बजरंग बाण पाठ शब्दों का सही उच्चारण करते हुए बजरंग पाठ पाठ करना शुरू करें।

बजरंग बाण

॥ दोहा ॥

निश्चय प्रेम प्रतीति ते,बिनय करै सनमान।

तेहि के कारज सकल शुभ,सिद्ध करै हनुमान॥

॥ चौपाई ॥

जय हनुमन्त सन्त हितकारी। सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी॥

जन के काज विलम्ब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥

जैसे कूदि सिन्धु वहि पारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥

आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुर लोका॥

जाय विभीषण को सुख दीन्हा। सीता निरखि परम पद लीन्हा॥

बाग उजारि सिन्धु महं बोरा। अति आतुर यम कातर तोरा॥

अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥

लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुर पुर महं भई॥

अब विलम्ब केहि कारण स्वामी। कृपा करहुं उर अन्तर्यामी॥

जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता। आतुर होइ दुःख करहुं निपाता॥

जय गिरिधर जय जय सुख सागर। सुर समूह समरथ भटनागर॥

ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्त हठीले। बैरिहिं मारू बज्र की कीले॥

गदा बज्र लै बैरिहिं मारो। महाराज प्रभु दास उबारो॥

ॐकार हुंकार महाप्रभु धावो। बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो॥

ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमन्त कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा॥

सत्य होउ हरि शपथ पायके। रामदूत धरु मारु धाय के॥

जय जय जय हनुमन्त अगाधा। दुःख पावत जन केहि अपराधा॥

पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥

वन उपवन मग गिरि गृह माहीं। तुमरे बल हम डरपत नाहीं॥

पाय परौं कर जोरि मनावों। यह अवसर अब केहि गोहरावों॥

जय अंजनि कुमार बलवन्ता। शंकर सुवन धीर हनुमन्ता॥

बदन कराल काल कुल घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥

भूत प्रेत पिशाच निशाचर। अग्नि बैताल काल मारीमर॥

इन्हें मारु तोहि शपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥

जनकसुता हरि दास कहावो। ताकी शपथ विलम्ब न लावो॥

जय जय जय धुनि होत अकाशा। सुमिरत होत दुसह दुःख नाशा॥

चरण शरण करि जोरि मनावों। यहि अवसर अब केहि गोहरावों॥

उठु उठु चलु तोहिं राम दुहाई। पांय परौं कर जोरि मनाई॥

ॐ चं चं चं चं चपल चलन्ता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता॥

ॐ हं हं हांक देत कपि चञ्चल। ॐ सं सं सहम पराने खल दल॥

अपने जन को तुरत उबारो। सुमिरत होय आनन्द हमारो॥

यहि बजरंग बाण जेहि मारो। ताहि कहो फिर कौन उबारो॥

पाठ करै बजरंग बाण की। हनुमत रक्षा करै प्राण की॥

यह बजरंग बाण जो जापै। तेहि ते भूत प्रेत सब कांपे॥

धूप देय अरु जपै हमेशा। ताके तन नहिं रहे कलेशा॥

॥ दोहा ॥

प्रेम प्रतीतिहिं कपि भजै,सदा धरै उर ध्यान।

तेहि के कारज सकल शुभ,सिद्ध करै हनुमान॥

 

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