Daridra Dukh Dahan Stotra : अगर आप घोर से घोर आर्थिक संकट से मुक्ति पाना चाहते हैं तो आप आज से ही भगवान शिव जी को समर्पित दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र ( Daridra Dukh Dahan Stotra ) पाठ शुरू करें। नियमित रूप से दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र त पाठ करने से आपके मन तन और धन की गरीबी से तुरंत मुक्ति मिलती है। ऋषि वशिष्ठ द्वारा रचित दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र पाठ करने से आपके समस्त रोगों और आर्थिक समस्याओं में शीघ्र फल प्राप्ति होती है।
दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र ( Daridra Dukh Dahan Stotra ) का पाठ भगवान शिव जी को समर्पित है और शिव की स्थिति करने से आपकी जीवन की दरिद्रता दूर होती है और घोर से घोर आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है। दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र ( Daridra Dukh Dahan Stotra ) पाठ के प्रभाव से मनुष्य के जीवन के सभी दुख तकलीफ अधिक से अधिक कठोर समस्याएं और कठिनाइयां दूर होती है इसके अलावा मनुष्य को शिव की भक्ति के साथ-साथ आर्थिक मानसिक और आध्यात्मिक सुख प्राप्त होता है।
दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र ( Daridra Dukh Dahan Stotra )
( दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र )
दारिद्रय-दहन शिवस्तोत्रम्
विश्वेश्वराय नरकार्णवतारणाय
कर्णामृताय शशिशेखरधारणाय।
कर्पूरकान्तिधवलाय जटाधराय
दारिद्र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय॥1॥गौरीप्रियाय रजनीशकलाधराय
कालान्तकाय भुजगाधिपकङ्कणाय।
गंगाधराय गजराजविमर्दनाय
दारिद्र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय॥2॥भक्तिप्रियाय भवरोगभयापहाय
उग्राय दुर्गभवसागरतातनाय।
ज्योतिर्मयाय गुणनामसुनृत्यकाय
दारिद्र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय॥3॥चर्माम्बराय शवभस्मविलेपनाय
भालेक्षणाय मणिकुण्डलमण्डिताय।
मञ्जीरपादयुगलाय जटाधराय
दारिद्र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय॥4॥पञ्चाननाय फणिराजविभूषणाय
हेमांशुकाय भुवनत्रयमण्डिताय।
आनन्दभूमिवरदाय तमोमयाय
दारिद्र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय॥5॥
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दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र पाठ विधि
- सोमवार या प्रदोष व्रत के दिन इसका पाठ विशेष फलदायी होता है।
- शिवलिंग पर जल, दूध, या बिल्वपत्र अर्पित करते हुए पाठ करें।
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जप साथ में करें।
- मन में श्रद्धा, शांति और भक्ति भाव रखें।
दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र के लाभ
आर्थिक संकट से मुक्ति – इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से दरिद्रता और आर्थिक कठिनाइयाँ दूर होती हैं।
धन व समृद्धि की प्राप्ति – भगवान शिव की कृपा से घर में धन, सुख और समृद्धि का आगमन होता है।
मन की शांति – यह स्तोत्र मन को स्थिर करता है और चिंता, भय, तनाव को कम करता है।
कर्मों की शुद्धि – पाठ करने से नकारात्मक कर्मों का प्रभाव घटता है और शुभ कर्मों की वृद्धि होती है।
परिवार में सुख-शांति – घर-परिवार में मेल-जोल, प्रेम और सकारात्मक वातावरण बनता है।
व्यवसाय और नौकरी में उन्नति – कार्यों में सफलता और आर्थिक उन्नति प्राप्त होती है।
ऋणमुक्ति का वरदान – जो व्यक्ति कर्ज़ या आर्थिक परेशानी में हो, उसके लिए यह स्तोत्र बहुत उपयोगी है।
शिव कृपा की प्राप्ति – पाठक को भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में शुभ फल प्राप्त होते हैं।
नकारात्मक शक्तियों से रक्षा – यह स्तोत्र नकारात्मक ऊर्जा, बाधाओं और अशुभ प्रभावों को दूर करता है।
सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास – शिव की भक्ति से मन में नई ऊर्जा, विश्वास और सकारात्मकता आती है।
दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र प्रश्न (FAQ)
दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र किसने लिखा था?
दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र भगवान शिव की आराधना हेतु ऋषि वशिष्ठ द्वारा लिखा गया है
दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र का पाठ कब करना चाहिए?
सोमवार, प्रदोष व्रत, या महाशिवरात्रि के दिन इसका पाठ करना सबसे शुभ माना जाता है।
दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र पढ़ने से क्या लाभ मिलता है?
दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र जीवन से दरिद्रता, ऋण, दुःख और बाधाएँ दूर करता है तथा धन-सुख प्रदान करता है।
क्या दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र रोज़ पढ़ा जा सकता है?
हाँ, इसे प्रतिदिन सुबह या रात में शांत मन से पढ़ना अत्यंत फलदायी होता है।
दारिद्रय दहन शिव स्तोत्र पाठ के समय किन चीज़ों की आवश्यकता होती है?
जल, बिल्वपत्र, दीपक और भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग के समक्ष श्रद्धा भाव आवश्यक है।
क्या स्तोत्र सुनना भी लाभदायक होता है?
जी हाँ, इसे श्रद्धा से सुनने पर भी वही फल प्राप्त होता है जैसा पाठ करने से होता है।
दारिद्रय दहन शिव स्तोत्र कितनी बार पाठ करना चाहिए?
दारिद्रय दहन शिव स्तोत्र सामान्यतः 1 बार पर्याप्त है, परंतु 3, 5 या 11 बार पाठ करने से विशेष फल मिलता है।
क्या कोई विशेष मंत्र साथ में जपना चाहिए?
“ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जप इस स्तोत्र के साथ करने से शीघ्र फल मिलता है।
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