हिंदू धर्म में प्रत्येक माह पड़ने वाले प्रत्येक व्रत त्यौहार का बहुत बड़ा महत्व माना जाता है। हर महीने पड़ने वाली मासिक दुर्गा अष्टमी का भी बहुत बड़ा महत्व है। मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत मां दुर्गा को समर्पित है, दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा की जी की पूजा करके आप सुख समृद्धि पा सकते हैं। आप इस दिन मां दुर्गा जी की व्रत रहकर और पूजा करके माता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
मासिक दुर्गा अष्टमी प्रत्येक महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती हैं। अगर आप अपनी जिंदगी में चले आ रहे कठिनाइयों से परेशान है और आप मानसिक रूप से पीड़ित है तो आप दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा का पूजा आरती और व्रत रहकर अपनी इन सभी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। वर्ष 2025 की पहली मासिक दुर्गा अष्टमी कब है ( Durga Ashtami Kab Ki Hai ), मासिक दुर्गा अष्टमी व्रत शुभ मुहूर्त और पूजा विधि से जुड़ी पूरी जानकारी आपको देंगे।
मासिक दुर्गा अष्टमी 2025 शुभ मुहूर्त / Durga Ashtami Kab Ki Hai
हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष 2025 की पहली मासिक दुर्गा अष्टमी 7 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। मासिक दुर्गा अष्टमी का शुभ मुहूर्त की शुरुआत 6 जनवरी को शाम 6:23 पर शुरू होगी जो कि अगले दिन 7 जनवरी को 4:26 पर समाप्त होगी। अगर आप मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत रहना चाहते हैं तो यह आपके लिए शुभ समय है इस समय अगर आप अपनी जिंदगी में कुछ सफलता पाना चाहते हैं या फिर किसी विशेष कार्य में सफल होना चाहते हैं तो आप इस समय मां दुर्गा का व्रत और पूजा कर सकते हैं।
मासिक दुर्गा अष्टमी का महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार हिंदू धर्म में मासिक दुर्गा अष्टमी का बहुत ही विशेष महत्व माना जाता है। जो भक्त अपनी जिंदगी में चली आ रही कठिनाइयों से ऊब चुका है, इस दिन मां दुर्गा की पूजा करने से व्रत रहने से उसे व्यक्ति को सभी कष्ठों से छुटकारा मिलता है और मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। आप सभी भक्त मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा की पूरी विधि विधान के साथ पूजा करके व्रत रहकर और आरती करके मां दुर्गा जी को प्रसन्न कर सकते हैं।
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मां दुर्गा जी का मंत्र
आप सभी भक्तगण मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन पूरे विधि विधान के साथ मां दुर्गा जी की पूजा करें इसके बाद आरती करने के बाद मां दुर्गा जी के मंत्र का जब जरुर करें। मां दुर्गा जी के मंत्र का जाप करने से आपकी जिंदगी में चली आ रही सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है और आपकी जिंदगी में सुख समृद्धि आती है।
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।
या देवी सर्व भूतेषु विद्या रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमः।।
ऊँ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तु ते।।
या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
दुर्गा अष्टमी के दिन 3 तरह का भोग लगाकर मां दुर्गा को करें प्रसन्न
अगर आप सभी भक्त मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा जी की पूजा करते हैं व्रत रहते हैं तो आप इस दिन तीन तरह का भोग लगाकर मां दुर्गा को प्रसन्न कर सकते हैं और अपनी मनपसंद मुराद पूरी कर सकते हैं –
सफेद मिठाई का भोग – मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन आप मां दुर्गा को सफेद मिठाई का भोग लगा सकते हैं। सफेद मिठाई का भोग शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक होता है, आप इस शुभ दिन सफेद मिठाई का भोग लगाकर मां दुर्गा को प्रसन्न कर सकते हैं और अपनी मुराद पूरी कर सकते हैं।
शुद्ध देसी घी हलवे का भोग – आप दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा को शुद्ध देसी घी हलवे का भोग जरूर लगाए, मां दुर्गा को शुद्ध देसी घी हलवे का भोग लगाने से आपकी जिंदगी में सुख समृद्धि आती है। अगर आप अपनी जिंदगी में बहुत अधिक परेशान हो चुके हैं तो आप दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा जी की पूजा करें इसके बाद आप शुद्ध देसी घी हलवे का भोग लगाकर, प्रसाद को वितरित करें आपको माता रानी की असीम अनुक्रमपा प्राप्त होगी।
अनार का भोग – आप सभी भक्तगण दुर्गा अष्टमी के दिन आप मां दुर्गा को अनार का भोग लगे और साथ में माता रानी के मंत्र उच्चारण करें। ऐसा करने से आप सभी भक्तों को मां दुर्गा जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और आपके मन चाहे फल की प्राप्ति होती है।
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