Ganesh Laxmi Aarti : दिवाली के दिन पूरे धूमधाम के साथ और पूरे विधि विधान के साथ लक्ष्मी गणेश जी की पूजा की जाती है, दिवाली पर्व सुख समृद्धि का प्रतीक है, दिवाली के दिन सभी भक्त लोग लक्ष्मी गणेश जी की पूजा करते हैं और अपनी परिवार की सुख समृद्धि शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। दिवाली के दिन हम सभी लोगों को भगवान गणेश लक्ष्मी माता की पूरे विधि विधान के साथ पूजा करनी चाहिए और पूजा के दौरान गणेश लक्ष्मी आरती ( Ganesh Laxmi Aarti ) जरूर करनी चाहिए तभी आपकी दिवाली पूजा संपूर्ण होती है।
दिवाली पर्व प्रत्येक वर्ष कार्तिक मां के अमावस्या तिथि के दिन मनाई जाती है, 2025 में दिवाली पर्व 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। दीपों की इस पर्व में धन वैभव की लक्ष्मी मां लक्ष्मी और विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा की जाती है। दीपावली की पूजा गणेश लक्ष्मी आरती ( Ganesh Laxmi Aarti ) के बिना अधूरी मानी जाती है इसलिए आप सभी लोग दिवाली के दिन पूजा के समय गणेश लक्ष्मी आरती ( Ganesh Laxmi Aarti ) जरूर करें –
यह भी पढ़ें – नोट कीजिए दिवाली पूजा टाइम, मां लक्ष्मी की पूजा का शुभ मुहूर्त
गणेश लक्ष्मी आरती ( Ganesh Laxmi Aarti )
( भगवान गणेश जी की आरती )
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥
( लक्ष्मी जी की आरती )
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन * सेवत हरि विष्णु विधाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राताॐ जय लक्ष्मी माता-2
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता