Hariyali Amavasya 2025 – सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। यह महीना मोक्ष और मनोकामना के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रत्येक महीने अमावस्या का अपना महत्व होता है और अगर आप जानना चाहते हैं की हरियाली अमावस्या या सावन की अमावस्या कब है तो हमारे द्वारा बताए गए तिथि और मुहूर्त को नोट कर ले। भगवान महादेव की कृपा और पितरों के आशीर्वाद से मनुष्य का होगा कल्याण, इस तरह करें सावन अमावस्या का दान!
सावन का महीना भगवान शिव को संपूर्ण रूप से समर्पित होता है। यह महीना मोक्ष और मनोकामना पूर्ति का महीना माना जाता है। कहा जाता है कि भगवान महादेव इस महीने में स्वयं धरती पर विराजमान रहते हैं और भक्तों को उनकी भक्ति के अनुसार फल देते हैं। वही सावन में आने वाली अमावस्या का भी बहुत महत्व है। सावन में आने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि सावन का महीना वर्षा ऋतु लेकर आता है जो की प्रकृति को हरा भरा और खिला-खिला कर देती है।
चूंकि सावन का महीना मोक्ष प्राप्ति का होता है इसीलिए इस महीने में आने वाली अमावस्या पितरों की शांति के लिए सबसे महत्वपूर्ण बताई जाती है। उदय तिथि के अनुसार इस साल सावन अमावस्या 24 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी।
हरियाली अमावस्या मुहूर्त
हरियाली अमावस्या 24 जुलाई 2025 को प्रातः 2:28 को शुरू होगी जो कि अगले दिन 25 जुलाई 2025 को 12:40 पर खत्म हो जाएगी।
- ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4:15 से 4:57 तक रहेगा।
- ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना शुभ रहेगा।
- अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12:55 तक है।
- अमृत काल दोपहर 2:26 से 3:58 तक रहेगा।
पूरे दिन सर्वार्थ सिद्ध योग रहेगा जिसमें दान-पुण्य विधि की जा सकती है।
शाम को 4:43 से गुरु पुष्य योग और अमृत सिद्धि योग बन रहा है।
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हरियाली अमावस्या 2025 के उपाय
- हरियाली अमावस्या 2025 में 24 जुलाई को मनाई जाएगी तथा इस दिन सही तरह से किए गए कुछ उपाय से पितरों और भगवान महादेव का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है।
- यदि आपकी कुंडली में पितृ दोष है तो आप सावन अमावस्या या हरियाली अमावस्या 2025 के दिन अवश्य ही पिंडदान और श्राद्ध की प्रक्रिया करें जिससे महादेव पितरों को मोक्ष देंगे। यह विधि करने से आपको महादेव और पितृ दोनों का ही आशीर्वाद प्राप्त होगा।
- कहां जाता है कि सावन अमावस्या के दिन किया गया दान सबसे लाभकारी दान होता है। आप अपनी क्षमता अनुसार पितरों के नाम पर सफेद कपड़े, अन्न और पैसों का दान गरीबों में दान कर सकते हैं।
- माना जाता है की हरियाली अमावस्या में यदि पौधे लगाए जाए तो उसे पितरों और भगवान महादेव का संपूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है क्योंकि सावन में वर्षा ऋतु का आगमन होता है एवं पौधे लगाने से पर्यावरण को शुद्ध किया जा सकता है।
- सावन अमावस्या या हरियाली अमावस्या के दिन विशेष रूप से भगवान महादेव के मंदिर में जाकर उनकी पूजा करनी चाहिए। भगवान महादेव को जलाभिषेक और बेलपत्र अर्पित करना आवश्यक है।
Hariyali Amavasya 2025 से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न
1.सावन माह की अमावस्या कब है?
सावन माह की अमावस्या का पर्व 24 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा। उड़ती तिथि के अनुसार इसी समय में पूजा, दान-पुण्य और स्नान की विधि की जाएगी।
2. श्रावण अमावस्या का क्या महत्व है?
सावन का महीना मोक्ष और मनोकामना पूर्ति का महीना माना जाता है। श्रवण की अमावस्या को दान-पुण्य, श्राद्ध विधि और पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है जिस घर में सुख समृद्धि बनी रहती है।
3. अमावस्या पर किस देवता की पूजा करनी चाहिए?
सावन अमावस्या में भगवान शिव की पूजा करना विशेष रूप से लाभकारी हो सकता है। भगवान शिव के मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक और बेलपत्र चढ़ाने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
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