Kaal Bhairav Ashtakam : काल भैरव अष्टकम पाठ ( Kaal Bhairav Ashtakam ) करने से जीवन में भाई और चिंता से मुक्ति मिलती है और आपके घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। काल भैरव भगवान शिव जी का एक स्वरूप है, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कलयुग में काल भैरव की पूजा करने से जीवन में आने वाली सभी बाधा दूर होती है। धार्मिक पुराण के अनुसार काल भैरव अष्टकम पाठ ( Kaal Bhairav Ashtakam ) करने से संतान की दीर्घायु, जीवन में आने वाले सभी कष्ट दूर होते हैं।
मनुष्य के जीवन में बार-बार कोई ना कोई समस्या आती है, आपको हरदम भाई और चिंता रहती है घर में नकारात्मक ऊर्जा महसूस होती है भूत प्रेत का प्रभाव महसूस होता है तो आपको काल भैरव अष्टकम पाठ ( Kaal Bhairav Ashtakam ) करना चाहिए। काल भैरव अष्टकम पाठ विधि पूर्वक करने से आपके ऊपर आने वाली सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख समृद्धि आती है।
Kaal Bhairav Ashtakam / काल भैरव अष्टक
( काल भैरव अष्टक )
देवराजसेव्यमानपावनांघ्रिपङ्कजं व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम् ।
नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ १॥भानुकोटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम् ।
कालकालमंबुजाक्षमक्षशूलमक्षरं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ २॥शूलटंकपाशदण्डपाणिमादिकारणं श्यामकायमादिदेवमक्षरं निरामयम् ।
भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ ३॥भुक्तिमुक्तिदायकं प्रशस्तचारुविग्रहं भक्तवत्सलं स्थितं समस्तलोकविग्रहम् ।
विनिक्वणन्मनोज्ञहेमकिङ्किणीलसत्कटिं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥ ४॥धर्मसेतुपालकं त्वधर्ममार्गनाशनं कर्मपाशमोचकं सुशर्मधायकं विभुम् ।
स्वर्णवर्णशेषपाशशोभितांगमण्डलं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ ५॥रत्नपादुकाप्रभाभिरामपादयुग्मकं नित्यमद्वितीयमिष्टदैवतं निरंजनम् ।
मृत्युदर्पनाशनं करालदंष्ट्रमोक्षणं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ ६॥अट्टहासभिन्नपद्मजाण्डकोशसंततिं दृष्टिपात्तनष्टपापजालमुग्रशासनम् ।
अष्टसिद्धिदायकं कपालमालिकाधरं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ ७॥यह भी पढ़ें – ॐ काल भैरवाय नमः मंत्र के फायदे
काल भैरव अष्टक पाठ के लाभ
- काल भैरव अष्टकम पाठ करने से भय और रोग दूर होते हैं।
- काल भैरव अष्टक पाठ करने से मन में साहस आत्म बल और आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है।
- काल भैरव अष्टकम पाठ करने से बुरी शक्तियां दूर होती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव होता है।
- काल भैरव अष्टकम पाठ करने से व्यापार और नौकरी में स्थिरता आती है।
- काल भैरव अष्टकम पाठ करने से मृत्यु भय और अकाल मृत्यु योग से रक्षा होती है।
काल भैरव अष्टकम पाठ नियम
- काल भैरव अष्टकम पाठ पूरे शुद्ध भाव और मन को पवित्र करके करना चाहिए।
- काल भैरव अष्टकम पाठ करने के दिन आपको किसी भी तरह का नशा और शराब से दूर रहना चाहिए।
- काल भैरव अष्टकम पाठ करने के दिन आप किसी को भी कष्ट और हानि न पहुंचाएं और हरदम सत्य बोले।
- शनिवार या कालाष्टमी पर भैरव जी को तेल का दीपक अर्पित करें।
- काल भैरव अष्टकम पाठ करने के बाद आप कुत्तों को भोजन कराये।
काल भैरव अष्टकम पाठ विधि
- सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहने।
- अब आपको पूजा स्थल में पूर्व या उत्तर दिशा की और मुख करके बैठ जाना है।
- अब आप भैरव जी की मूर्ति के सामने दीपक जलाएं और ओम भैरवाय नमः मंत्र जाप करते हुए भैरव बाबा का ध्यान करें।
- अब आप पूरे भक्ति भाव के साथ और मां को एकांतर करके काल भैरव अष्टकम का पाठ करें।
- काल भैरव अष्टकम पाठ समाप्त होने के बाद आप काल भैरव की आरती करें और हाथ जोड़कर क्षमा याचना करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल ( FAQ )
क्या काल भैरव अष्टक पाठ घर में किया जा सकता है ?
जी हां आप घर की साफ सफाई करके और पूजा स्थल पर काल भैरव की मूर्ति स्थापित करके काल भैरव अष्टक पाठ कर सकते हैं।
काल भैरव अष्टक पाठ से क्या लाभ होता है ?
काल भैरव अष्टक पाठ करने से भाई रोग पाप और शत्रु बाधा दूर होती है।
क्या काल भैरव अष्टक पाठ के साथ दीपक जलाना आवश्यक है?
जी हां काल भैरव अष्टक पाठ करने से पहले आप तेल का दीपक जलाकर मंत्र उच्चारण करें और उसके बाद काल भैरव अष्टक पाठ शुरू करें।