खिचड़ी कब है 2025

खिचड़ी कब है 2025, जानिए शुभ मुहूर्त, स्नान दान का सही समय

खिचड़ी को हम सभी लोग मकर संक्रांति के रूप में भी जानते हैं। भारत के कई राज्यों में खिचड़ी त्यौहार को खिचड़ी के नाम से जानते हैं तो वहीं भारत के कई राज्यों में मकर संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। मकर संक्रांति यानी की खिचड़ी प्रत्येक वर्ष जनवरी महीने में मनाई जाती है। वर्ष 2025 में खिचड़ी कब है, ( Khichdi Kab Hai ) खिचड़ी का शुभ मुहूर्त स्नान दान से जुड़े आपके संपूर्ण जानकारी मिलेगी।

मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान, दान पूर्ण करना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। मकर संक्रांति के दिन दान पूर्ण करना बहुत ही पुण्य का काम माना जाता है। मकर संक्रांति के दिन मुख्य रूप से सूर्य देव की पूजा की जाती है और इस दिन खास तौर पर खिचड़ी खाने का प्रचलन चला रहा है। आईए जानते हैं खिचड़ी कब है, संक्रांति कब है यानी मकर संक्रांति कब है और मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है, इसके बारे में भी जानेंगे।

खिचड़ी कब है 2025 ?

खिचड़ी यानी मकर संक्रांति हिंदू पंचांग के अनुसार 14 जनवरी को पूरे भारतवर्ष में धूमधाम से मनाई जाएगी। मकर संक्रांति यानी 14 जनवरी के दिन सूर्य देव मकर राशि में परिवर्तन करेंगे और यही वजह है कि इस दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है। इस समय सूर्य देव शनि राशि में विराजमान है और 14 जनवरी को शनि राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे।

मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त | खिचड़ी शुभ मुहूर्त

मकर संक्रांति के दिन पूरे भारतवर्ष में धूमधाम से खिचड़ी का त्यौहार मनाया जाता है। मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करना दान पुण्य करना बहुत ही शुभ माना गया है। इस विशेष दिन गंगा स्नान करना और दान पूर्ण करना पूरे वर्ष में किए गए सभी दान पुण्य से 100 गुना अधिक फलदाई होता है।

मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान और दान पुण्य करने का शुभ मुहूर्त सुबह 9:03 से शुरू होगा जो की शाम को 5:46 तक रहेगा। मकर संक्रांति के दिन सभी श्रद्धालुओं को गंगा स्नान और दान पुण्य करने के लिए 8 घंटे 43 मिनट का समय मिल रहा है। आप इस शुभ समय के अवसर पर गंगा स्नान और दान पुण्य जैसे शुभ कार्य कर सकते हैं।

मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी क्यों बनाई जाती है ?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन पूरे भारतवर्ष के सभी हिंदुओं के घर पर खिचड़ी जरूर बनाई जाती है। इसलिए मकर संक्रांति के दिन को हम सभी लोग खिचड़ी त्यौहार के नाम से भी जानते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान चंद्रमा को चावल शनि दो को काली उड़द गुरु को हल्दी और शुक्र देव को नमक का प्रतीक माना गया है। इसके अलावा सभी हरी सब्जियां बुद्ध का प्रतीक माना गया है। ऐसे में मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने से सभी व्यक्तियों के सारे ग्रह मजबूत होते हैं। यही वजह है कि इस दिन मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने का प्रचलन चला आ रहा है।

Also Read : सकट चौथ 2025 कब है, जानिए शुभ मुहूर्त और सकट चौथ का महत्व

मकर संक्रांति पूजा विधि

  • आप सभी श्रद्धालु मकर संक्रांति के दिन सुबह उठकर सबसे पहले गंगा जी में स्नान करें। अगर आप गंगा जी में स्नान नहीं कर सकते तो घर में नहाने वाले पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
  • गंगा स्नान करने के बाद आप तांबे के लोटे में गंगाजल लेकर उसमें लाल फूल लाल होली गुड अक्षत और काला तिल डालकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दे।
  • सूर्य देव को अर्घ्य देते समय आप सूर्य मंत्र और गायत्री मंत्र का उच्चारण जरूर करें।
  • इसके बाद आप सूर्य देव को धूप बत्तियां घी का दीपक दिखाकर तीन बार परिक्रमा करें और हाथ जोड़कर सूर्य देव से अपनी सभी गलतियां के लिए क्षमा प्रार्थना करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

खिचड़ी का त्यौहार कब है ?

खिचड़ी का त्योहार 14 जनवरी 2025 को पूरे भारतवर्ष में पूरे धूमधाम से मनाया जाएगा।

खिचड़ी का मुहूर्त कब से कब तक है ?

खिचड़ी का शुभ मुहूर्त 14 जनवरी 2025 को सुबह सुबह 9:03 से शुरू होगा जो की शाम को 5:46 तक रहेगा।

खिचड़ी के दिन क्या दान करना चाहिए ?

खिचड़ी के दिन काले तिल काले उड़द गुड़ घी गजक मूंगफली नमक कंबल तिल के लड्डू दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है।

निष्कर्ष ( Conclucation )

आप सभी लोगों को इस आर्टिकल के माध्यम से खिचड़ी कब है, मकर संक्रांति कब है ( Khichdi Kab Hai ) के बारे में हमने पूरी जानकारी दी है। मकर संक्रांति एक ऐसा त्यौहार है जो पूरे भारतवर्ष में बहुत ही खुशियों के साथ मनाया जाता है। अगर आप ऐसे ही व्रत त्यौहार राशियों के साथ आध्यात्मिक चीजों से जुड़ी नई-नई चीजों के बारे में जानना चाहते हैं तो आप हमारी इस वेबसाइट के साथ रेगुलर बने रहें।