हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा का बहुत ही विशेष महत्व माना जाता है, अधिकतर हम लोग माघ पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। माघी पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है, मान्यता है कि माघी पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु को माता लक्ष्मी जी की पूजा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जिंदगी में सुख समृद्धि और शांति मिलती है।
अधिकतर भक्तों के मन में सवाल है कि फरवरी में माघ पूर्णिमा कब है ( Maghi Purnima Kab Hai ), माघी पूर्णिमा को महीने की आखिरी में मनाया जाता है। माघी पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करना और भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी की पूजा करना विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से और भगवान विष्णु की आराधना करने से अब व्रत रखने से जिंदगी में चल रही सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। आईए अब जानते हैं कि माघ पूर्णिमा कब है ( Maghi Purnima Kab Hai )..
माघ पूर्णिमा कब है ( Maghi Purnima Kab Hai )
माघ पूर्णिमा को लेकर लोगों के मन में कई सारी कन्फ्यूजन है, कई लोगों का मानना है की माघी पूर्णिमा 11 फरवरी को मनाई जाएगी तो वहीं कई लोगों का मानना है कि माघी पूर्णिमा 12 फरवरी को मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार माघी पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 11 फरवरी को संध्याकाल 6:55 पर शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन यानी की 12 फरवरी को संध्याकाल 7:27 पर होगा।
हिंदू धर्म में सभी व्रत एवं त्योहार उदया तिथि के हिसाब से मनाया जाता है। इस हिसाब से माघ पूर्णिमा का व्रत 12 फरवरी 2025 को रखा जाएगा। माघ पूर्णिमा का मुहूर्त किस किस टाइम रहेगा इसके बारे में नीचे जानकारी आपको दी जाएगी।
ब्रह्म मुहूर्त – प्रातः 05 बजकर 19 मिनट से 06 बजकर 10 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 07 मिनट से शाम 06 बजकर 32 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त – कोई नहीं
अमृत काल – शाम 05 बजकर 55 मिनट से रात 07 बजकर 35 मिनट तक
माघ पूर्णिमा पूजा विधि
- माघ पूर्णिमा के दिन सबसे पहले आपको सुबह उठकर स्नान करना है, माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने का बहुत ही विशेष महत्व माना जाता है।
- गंगा स्नान करने के बाद आप पूजा स्थल की साफ सफाई करें और इसके बाद एक चौकी पर लाल कपड़ा रखकर उस पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी की मूर्ति की स्थापना करें।
- इसके बाद आप माता लक्ष्मी जी का सोलह सिंगार करें ।
- अब आप भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी को फूल अर्पित करें और फल और मिठाई भोग के रूप में अर्पित करें।
- इसके बाद आप घी का दीपक जलाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी की आरती करें।
- इसके बाद आप बैठ कर आराम से भगवान विष्णु जी का पाठ करें।
- इसके बाद आप हाथ जोड़कर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी से अपनी जिंदगी के लिए अच्छी कामना करें और आपके द्वारा किए गए सभी गलत कार्यों के लिए क्षमा याचना करें।
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भगवान विष्णु जी का मंत्र
आप सभी भक्तों को मां की पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करते समय आप नीचे दिए गए मंत्र का जाप जरुर करें। सच्चे मन और श्रद्धा के साथ पूजा करने से और मंत्र का जाप करने से भगवान विष्णु जी का आशीर्वाद आपके ऊपर सदैव बना रहता है।
शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्
विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
माघी पूर्णिमा का महत्व
माघी पूर्णिमा वसंत ऋतु के आगमन के दोनों में मनाई जाती है। सनातन धर्म में मान्यता है कि माघी पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से और इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सभी पापों से छुटकारा मिलती है। माघी पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी को समर्पित होता है इसलिए इस दिन गंगा स्नान करने से दान पूर्ण करने से आपकी जिंदगी में चली आ रही सभी कठिनाइयों से छुटकारा मिलता है और आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
माघी पूर्णिमा के दिन जरूर करें ये काम
- माघी पूर्णिमा के दिन आप सभी भक्तों को गंगा स्नान जरूर करना चाहिए, अगर गंगा स्नान करना संभव नहीं है तो आप घर में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
- माघी पूर्णिमा के दिन आपके पूरे विधि विधान के साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी की पूजा करनी चाहिए। इस दिन पूजा करने से आपके ऊपर माता लक्ष्मी की कृपा से धन की कमी नहीं होती है और भगवान विष्णु की दया से आपके सभी दुख दूर होते हैं।
- माघ पूर्णिमा के दिन आपको घर पर सत्यनारायण की कथा जरूर सुनाई चाहिए।
- माघ पूर्णिमा के दिन आप गरीब लोगों को वस्त्र और खाने के लिए अन्न दान जरूर करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
फरवरी में पूर्णिमा कब है ?
फरवरी में पूर्णिमा का त्यौहार 12 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा।
माघ पूर्णिमा के दिन क्या करना चाहिए?
माघ पूर्णिमा के दिन आप सभी भक्तों को गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए और गंगा स्नान करने के बाद आपके पूरे विधि विधान के साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
माघी पूर्णिमा पर किस भगवान की पूजा की जाती है ?
माघी पूर्णिमा भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है इसलिए आप सभी भक्तगण मां की पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी की पूजा करें।
सबसे बड़ी पूर्णिमा कौन सी है ?
सनातन धर्म में सबसे बड़ी पूर्णिमा बुद्धि पूर्णिमा को मानी जाती है।
निष्कर्ष ( Conclucation )
आप सभी लोगों को इस आर्टिकल के माध्यम से माघ पूर्णिमा कब है ( Maghi Purnima Kab Hai 2025 ) के बारे में जानकारी दी है। मुझे पूरी उम्मीद है कि अब आपको फरवरी में माघ पूर्णिमा कब है के बारे में पूरी जानकारी मिल चुकी होगी। अगर आप सनातन धर्म से हैं और आप सनातन धर्म में पढ़ने वाले व्रत त्योहार और आध्यात्मिक चीजों का ज्ञान लेना चाहते हैं तो आप हमारी इस आध्यात्मिक वेबसाइट को बुकमार्क जरूर करें।
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