Pitra Dev Ki Aarti : पितृपक्ष शुरू होने में अभी कुछ क्यों नहीं बाकी है, अगर पितृपक्ष मे पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो आप पितृपक्ष में तर्पण पिंडदान और पितृ पूजा के बाद पितरों की आरती ( Pitra Dev Ki Aarti ) जरूर पढ़े, मान्यता है कि पितरों की पूजा के दौरान पितृ आरती करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से जिंदगी में सुख समृद्धि और शांति आती है।
पितरों की आरती ( Pitra Dev Ki Aarti )
॥ श्री पितर आरती ॥
जय जय पितरजी महाराज,मैं शरण पड़यो हूँ थारी।
शरण पड़यो हूँ थारी बाबा,शरण पड़यो हूँ थारी॥आप ही रक्षक आप ही दाता,आप ही खेवनहारे।
मैं मूरख हूँ कछु नहि जाणू,आप ही हो रखवारे॥जय जय पितरजी महाराज।
आप खड़े हैं हरदम हर घड़ी,करने मेरी रखवारी।
हम सब जन हैं शरण आपकी,है ये अरज गुजारी॥जय जय पितरजी महाराज।
देश और परदेश सब जगह,आप ही करो सहाई।
काम पड़े पर नाम आपको,लगे बहुत सुखदाई॥जय जय पितरजी महाराज।
भक्त सभी हैं शरण आपकी,अपने सहित परिवार।
रक्षा करो आप ही सबकी,रटूँ मैं बारम्बार॥जय जय पितरजी महाराज।
पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए क्या करें ?
पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए पितृपक्ष में पूजा करना सबसे अच्छा तरीका है, पितृपक्ष में पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आप पूजा पाठ करने के साथ-साथ पितृ मंत्र, पितृ आरती और पितृ चालीसा का पाठ करें। इसके अलावा आप पितृ पक्ष के दौरान पूरे विधिवर तरीके से पितरों का श्राद्ध तर्पण और पिंडदान जरूर करना चाहिए।
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पितृ पक्ष में प्रतिदिन पितरों की पूजा कैसे करें ?
- पितृ पक्ष के दौरान सुबह जल्दी उठकर घर के साफ सफाई करें और स्नान करें।
- स्नान करने के बाद आप पितरों का तर्पण और पिंडदान करें।
- मुख्य द्वार पर आटा से चौक बनाएं।
- इसके बाद आप अपने पूर्वजों को घास की कुश से बनाकर पानी दें।
- इसके बाद आप घर पर बनवाए गए पकवान चढ़ाये।
- अब आपको केले के पेट में भोजन को छत पर रखें और पशु पक्षियों को भोजन कराये।
- अब आपको पितरों के नाम से गाय कुत्ता कौवा को भोजन कराये।
- पितृ पक्ष के दौरान गरीब लोगों को और ब्राह्मणों को कुछ ना कुछ दान करें।
- पितृ चालीसा पितृ आरती और पितृ स्त्रोत का पाठ जरूर करें और अपने पूर्वजों को याद करें।
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