प्रदोष व्रत किस महीने से शुरू करना चाहिए ?

प्रदोष व्रत किस महीने से शुरू करना चाहिए – प्रदोष व्रत भगवान शिव जी को समर्पित है, प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव जी की पूजा अर्चना की जाती है और मान्यता है कि इस दिन जो भक्त सच्चे भक्ति भाव और पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव जी की पूजा करता है और व्रत रहता है उस भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। प्रदोष व्रत प्रत्येक महीने की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। अगर आप पहली बार प्रदोष व्रत रखने जा रहे हैं और आप जानना चाहते हैं कि “प्रदोष व्रत किस महीने से शुरू करना चाहिए” तो आपके यहां पर प्रदोष व्रत से जुड़ी पूरी जानकारी मिलेगी और साथ में ही आपको बताया जाएगा कि प्रदोष व्रत किस महीने से शुरू करना चाहिए ?

प्रदोष व्रत क्यों किया जाता है ?

प्रदोष व्रत के बारे में शिव पुराण में वर्णन किया गया है, त्रयोदशी के दिन रखे जाने वाला प्रदोष व्रत का बहुत ही विशेष महत्व है। शिव पुराण में बताया गया है कि भगवान शिव जी की सबसे प्रिय तिथि प्रदोष व्रत तिथि है। प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में भगवान शिव जी की पूजा की जाती है, प्रदोष व्रत के दौरान भगवान शिव जी की पूजा करने से जीवन में आने वाले सभी संकट कष्ट दूर होते हैं और भगवान शिव जी की कृपा से वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याएं दूर होती हैं और जिन लोगों की शादी में समस्या होती है उनकी भी समस्याएं दूर होती हैं।

यह भी पढ़ें – क्या पीरियड में मंदिर जा सकते हैं ? जानिए क्या है धार्मिक नियम

प्रदोष व्रत किस महीने से शुरू करना चाहिए ?

प्रदोष व्रत किस महीने से शुरू करना चाहिए इसके बारे में पंडित प्रदीप मिश्रा के द्वारा विस्तार पूर्वक बताया गया है –

अगर आप प्रदोष व्रत का पूरा लाभ लेना चाहते हैं तो इसके लिए माघ महीने और सावन महीने में पढ़ने वाले प्रदोष व्रत से प्रदोष व्रत की शुरुआत करें इससे कि आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होगी और आपको प्रदोष व्रत का पूरा लाभ प्राप्त होगा।

अगर किसी व्यक्ति को पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए व्रत रखना है तो उसे व्यक्ति को सोमवार यानी सोम प्रदोष व्रत के दिन से व्रत रखना शुरू करना चाहिए।

अगर किसी व्यक्ति के कुंडली में मंगल दोष है या फिर व्यक्ति के जीवन में प्रॉपर्टी घर के रिलेटेड कोई समस्या है अपना खुद का घर लेना चाहते हैं या प्रॉपर्टी लेना चाहते हैं तो इसके लिए मंगल प्रदोष व्रत ( भौम प्रदोष व्रत ) से व्रत रखना शुरू करना चाहिए।

प्रदोष व्रत कितने रखने चाहिए?

अगर आप प्रदोष व्रत रखने जा रहे हैं और आप जानना चाहते हैं कि प्रदोष व्रत कितने रखने चाहिए तो यहां पर आपको बताना चाहता हूं कि आप अपने सुविधा अनुसार 11,16 या 26 प्रदोष व्रत रख सकते हैं। आप प्रदोष व्रत शुरू करने से पहले संकल्प लेने की आप कितने प्रदोष व्रत रखेंगे।

पुत्र प्राप्ति के लिए प्रदोष व्रत कब से रखें ?

अगर किसी दंपति व्यक्ति के जीवन में संतान सुख नहीं है और वह व्यक्ति संतान सुख प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए प्रदोष व्रत बहुत ही अच्छा मार्ग है। आप प्रदोष व्रत रखकर भगवान शिव जी की कृपा से संतान सुख प्राप्त कर सकते हैं। संतान सुख प्राप्ति के लिए सोम प्रदोष व्रत रखना चाहिए। इसके अलावा शनि प्रदोष व्रत भी संतान प्राप्ति के लिए बहुत ही फलदाई माना जाता है। आप संतान प्राप्ति के लिए संकल्प लेकर प्रदोष व्रत शुरू करें और भगवान शिव जी की कृपा से आपको संतान सुख जरूर प्राप्त होगा।

प्रदोष व्रत में क्या खाना चाहिए ?

अगर आप पहली बार प्रदोष व्रत रखने जा रहे हैं और आप जानना चाहते हैं कि प्रदोष व्रत में क्या खाना चाहिए तो यहां पर हम आपको पूरी जानकारी देते हैं।

अगर आप प्रदोष व्रत रखने जा रहे हैं तो आपको बताना चाहता हूं कि कोई भी व्रत रखने का मतलब यह होता है कि आपको व्रत का पालन करना है केवल आप व्रत के दौरान केवल एक समय ही भोजन के रूप फलाहार का सेवन करें। अगर आप 24 घंटे में व्रत के दौरान थोड़ी-थोड़ी देर में फलाहार का सेवन करते हैं तो इससे आपका व्रत पूरा नहीं माना जाता है।

प्रदोष व्रत के दौरान आप सात्विक भोजन जैसे की फल दूध दही साबूदाने की खिचड़ी सिंघाड़े का हलवा खीर कुट्टू के आटे की पूरी या नारियल पानी पी सकते हैं। आप मूंगफली के दाने को सेंधा नमक के साथ सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा प्रदोष व्रत के दिन किसी भी दूसरी चीज का सेवन करते हैं तो इससे आपका प्रदोष व्रत खंडित होता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल ( FAQ )

क्या प्रदोष व्रत में सेंधा नमक खाया जाता है ?

जी हां प्रदोष व्रत में आप सेंधा नमक का सेवन कर सकते हैं।

क्या प्रदोष व्रत में चाय पी सकते हैं ?

जी हां प्रदोष व्रत में चाय पी सकते हैं लेकिन चाय घर की बनी होनी चाहिए चाय में केवल दूध चाय पत्ती और इलायची ही होनी चाहिए इसके अलावा कोई दूसरी चीज नहीं होनी चाहिए।

प्रदोष व्रत में भोग क्या लगाना चाहिए?

प्रदोष व्रत में आप भगवान शिव जी को हलवा खीर बर्फी मालपुआ ठंडाई और पंचामृत का सात्विक भोग लगा सकते हैं।

प्रदोष व्रत की शुरुआत कब से करनी चाहिए?

प्रदोष व्रत की शुरुआत मार्च महीने या फिर सावन महीने में पड़ने वाले त्रयोदशी तिथि के दिन से करना चाहिए।

क्या पीरियड में प्रदोष व्रत रह सकते हैं ?

अगर आपको प्रदोष व्रत से पहले से पीरियड आ रहा है तो आपको प्रदोष व्रत नहीं रखना चाहिए अगर संकल्प लेने के बाद पीरियड आता है तो आप केवल व्रत रह सकती हैं पूजा पाठ से दूर रहना चाहिए और पूजा सामग्री को नहीं छूना चाहिए।

Leave a Comment

पीरियड में किस दिन बाल नहीं धोने चाहिए, जानिए क्या कहता है शास्त्र 10 August 2025 DAily Rashifal इस दिन 7 कन्याओं को भोजन कराने से होगी सभी मनोकामनाएं पूरी हल्दी के टोटके : घर की नकारात्मक एनर्जी हटाने का आसान तरीका सावन में दूध, दही और घी किस चीज से करना चाहिए शिव रुद्राभिषेक? हिंदू धर्म में शुभ अवसरों पर इसलिए किया जाता है आम के पत्तों का उपयोग Jagannath Rath Yatra 2025: जगन्नाथ रथ यात्रा कब है ओडिशा के पूरी नगर में नौ दिवसीय रथ यात्रा, पूरी जानकारी जुलाई 2025 में किस तारीख को शुरू होंगे सावन सोमवार, पूरा पढ़ें June Pradosh Vrat 2025: जून में इस तारीख को होगा प्रदोष व्रत Karj Mukti : कर्ज मुक्ति के 6 बेहतरीन उपाय