हिंदू धर्म में राधा अष्टमी का पर्व बहुत ही उत्साह और उमंग के साथ पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है। राधास्वामी का पर्व राधा और कृष्ण के भक्तों के लिए बहुत ही महत्व रखता है और इस दिन सभी भक्त बहुत ही भक्ति भाव के साथ राधा स्वामी का पर्व मनाते हैं। अगर आप भी राधा अष्टमी का व्रत रखना चाहते हैं तो हम आपको राधा अष्टमी का व्रत कैसे करें इसके बारे में जानकारी देंगे।
हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष राधा अष्टमी का पर्व भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। राधा अष्टमी का पर्व कृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद मनाई जाती है। राधा अष्टमी का पर्व भगवान श्री कृष्णा और राधा रानी के प्रेम को जग जाहिर करता है और या पाव पवित्र प्रेम के रिश्ते की मिसाल देता है। आइए अब हम आपके बिना देरी करें राधा अष्टमी पर्व से जुड़ी पूरी जानकारी संक्षेप में देते हैं।
राधा अष्टमी का महत्व
हिंदू पुराणों के अनुसार राधा अष्टमी पर्व का महत्व बहुत ही बड़ा माना गया है। राधा अष्टमी का पर्व भगवान श्री कृष्णा और राधा रानी के प्रेम को दर्शाता है। भगवान श्री कृष्णा और राधा रानी को एक दूसरे का पूरक माना गया है क्योंकि जब-जब भगवान श्री कृष्ण का नाम आता है तो वहां पर राधा रानी का नाम जरूर आता है। राधा अष्टमी का पर्व राधा रानी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
राधा अष्टमी का पाव प्रत्येक वर्ष भारत पर शुक्ला की अष्टमी को मनाया जाता है क्योंकि इस दिन राधा रानी का जन्म हुआ था। जिस तरह से हम सभी लोग पूरे श्रद्धा भाव के साथ भगवान श्री कृष्ण के जन्म के रूप में जन्माष्टमी मानते है, उसी तरह से हम सभी लोग राधा रानी का जन्म का उत्सव राधा अष्टमी के रूप में मनाते हैं। राधा अष्टमी के दिन सभी भक्तगण सच्चे श्रद्धा भाव के साथ व्रत रहते हैं और राधा रानी की पूजा करते हैं।
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राधा अष्टमी पूजन विधि
- राधा अष्टमी के दिन सभी भक्त लोगों को सुबह उठकर स्नान करना चाहिए।
- स्नान करने के बाद आप भगवान श्री कृष्णा और राधा रानी की पूजा करें और राधा अष्टमी के दिन व्रत रखने का संकल्प ले।
- व्रत के दौरान आपको केवल एक समय फलाहार का सेवन करना है।
- अब आप राधा रानी और भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा को स्थापित करें।
- आप भगवान श्री कृष्णा और राधा रानी की प्रतिमा को पंचम रीत यानी कि दूध दही शहद घी और गंगाजल से स्नान कारण और प्रतिमा का श्रृंगार करें।
- श्रृंगार करने के बाद आप भगवान श्री कृष्णा और राधा रानी को भोग लगाए और धूप दीप फुल आज अर्पित करें।
- इसके बाद आपको पांच रंग के चरण से मंडप का निर्माण करना है और इस मंडप के अंदर कोड्स दल के आकार का कमल यंत्र बनाएं।
- अब आपको इस कमल के बीचो-बीच सुंदर आसान बनाकर उसे पर श्री राधा कृष्ण की मूर्ति को पश्चिम दिशा की तरफ मुख करके स्थापित करें।
- अब आप राधा कृष्ण के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना करें और राधा कृष्ण की आरती करें।
- आप आरती करने के बाद अपने द्वारा किए गए सभी गलत कार्यों पापों के लिए समय याचना करें और अपने आने वाले समय के लिए कामना करें।
राधा अष्टमी उपाय
अगर आप व्यापार और नौकरी में आ रही समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं और आप अपना व्यापार में अच्छा बढ़ोतरी चाहते हैं तो हम आपको एक बहुत ही शानदार उपाय बता रहे हैं। आपको अपने व्यापार और नौकरी में चली आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए राधा अष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्णा और राधा रानी की पूजा करने के बाद एक चांदी का सिक्का लेना है। आपको चांदी के सिक्के को हाथ में पकड़ कर ओम राधा कृष्णाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करना है और इसके बाद विधि विधान के साथ पूजा पाठ समापन के बाद इस सिक्के को किसी लाल कपड़े में बांधकर अपने तिजोरी में रख देना है।
राधा अष्टमी व्रत मंत्र
आप सभी भक्तगणों को राधा अष्टमी का व्रत के दौरान और पूजा के समय नीचे बताए गए मंत्र का जब जरुर करें। आप नीचे बताया गया मंत्र का पूजा करते समय 108 बार जाप करें-
‘ॐ केशवाय नम: ॐ नाराणाय नम: ॐ माधवाय नम: ॐ ह्रषीकेशाय नम:’
राधा अष्टमी व्रत के नियम
अगर आप राधा अष्टमी के दिन राधास्मी का व्रत रखते हैं तो आपको कुछ नियम का पालन करना बहुत ही जरूर है।
- राधा अष्टमी व्रत के दिन आपको झूठ नहीं बोलना चाहिए।
- राधा अष्टमी व्रत के दौरान आपको तामसिक भोजन का परहेज करना चाहिए।
- व्रत के दौरान केवल आपको एक बार फलाहार का सेवन करना चाहिए।
- व्रत के दौरान बड़े बुजुर्गों का सम्मान करें और बोलकर अपमान कभी भी ना करें।
- व्रत के दौरान आपको पूजा पाठ करना चाहिए और इस दौरान आपको सोना नहीं चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
राधा अष्टमी व्रत में क्या खाना चाहिए?
राधा अष्टमी व्रत के दौरान आपको केवल एक बार फलाहार सेवन करना चाहिए ?
राधा अष्टमी पर कौन सा भोग चढ़ाना चाहिए?
राधा अष्टमी पर्व के दिन आपको पूजा के दौरान अरबी की सब्जी का भोग लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है इसके अलावा आप पंचामृत का भी भूख लगा सकते हैं।
राधा रानी को कैसे खुश करें ?
राधा रानी को प्रसन्न करना बहुत ही आसान है आप केवल प्रतिदिन सच्चे श्रद्धा भाव के साथ राधा रानी के नाम का जाप करें, आप पर राधा रानी की कृपा हरदम बनी रहेगी।
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