Rin Mochan Mangal Stotra / ऋणमोचक मंगल स्तोत्र / ऋणमोचक मंगल स्तोत्र हिंदी में

Rin Mochan Mangal Stotra : अगर आपको कर्ज और लोन चुकाने में समस्या आ रही है और आपके कई सारे प्रयास करने के बावजूद आप आपके ऊपर से कर्ज समाप्त नहीं हो रहा है। आप कई सारे प्रयास कर चुके हैं लेकिन आपके सभी प्रयास असफल हैं तो आप एक बार ऋणमोचक मंगल स्त्रोत का पाठ जरूर करें। ऋणमोचक मंगल स्त्रोत पाठ मंगल देव को समर्पित है और हमारे हिंदू शास्त्रों में बताया गया है कि ऋणमोचक मंगल स्त्रोत का पाठ करने से आपके ऊपर हनुमान जी की कृपा बनी रहती है और धीरे-धीरे आपको कर्ज से मुक्ति मिलती है।

मंगलवार का दिन यानी की मंगल देव भगवान हनुमान जी से संबंधित है इसलिए प्रतिदिन ऋणमोचक मंगल स्त्रोत पाठ करने से आपके ऊपर भगवान हनुमान जी के साथ-साथ मंगल देव की भी कृपा दृष्टि बनी रहती है जिसकी वजह से आपके ऊपर से धीरे-धीरे कर्ज संबंधित समस्याएं समाप्त होने लगते हैं। आप अपना कर्म करते रहिए और पूरी मेहनत लगन के साथ अपने काम में ध्यान दीजिए और इसके अलावा आप Rin Mochan Mangal Stotra / ऋणमोचक मंगल स्तोत्र / ऋणमोचक मंगल स्तोत्र हिंदी में का पाठ करें और इसका प्रभाव आप खुद पर महसूस करेंगे।

Rin Mochan Mangal Stotra / ऋणमोचक मंगल स्तोत्र / ऋणमोचक मंगल स्तोत्र हिंदी में

मङ्गलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रदः।
स्थिरासनो महाकायः सर्वकर्मावरोधकः॥1।।

लोहितो लोहिताङ्गश्च सामगानां कृपाकरः।
धरात्मजः कुजो भौमो भूतिदो भूमिनन्दनः॥2।।

अङ्गारको यमश्चैव सर्वरोगापहारकः ।
व्रुष्टेः कर्ताऽपहर्ता च सर्वकामफलप्रदः॥3।।

एतानि कुजनामनि नित्यं यः श्रद्धया पठेत् ।
ऋणं न जायते तस्य धनं शीघ्रमवाप्नुयात् ॥4।।

धरणीगर्भसम्भूतं विद्युत्कान्तिसमप्रभम् ।
कुमारं शक्तिहस्तं च मङ्गलं प्रणमाम्यहम् ॥5।।

स्तोत्रमङ्गारकस्यैतत्पठनीयं सदा नृभिः ।
न तेषां भौमजा पीडा स्वल्पाऽपि भवति क्वचित् ॥6।।

अङ्गारक महाभाग भगवन्भक्तवत्सल ।
त्वां नमामि ममाशेषमृणमाशु विनाशय ॥7।।

ऋणरोगादिदारिद्रयं ये चान्ये ह्यपमृत्यवः ।
भयक्लेशमनस्तापा नश्यन्तु मम सर्वदा ॥8।।

अतिवक्त्र दुरारार्ध्य भोगमुक्त जितात्मनः ।
तुष्टो ददासि साम्राज्यं रुश्टो हरसि तत्ख्शणात् ॥9।।

विरिंचिशक्रविष्णूनां मनुष्याणां तु का कथा ।
तेन त्वं सर्वसत्त्वेन ग्रहराजो महाबलः ॥10।।

पुत्रान्देहि धनं देहि त्वामस्मि शरणं गतः ।
ऋणदारिद्रयदुःखेन शत्रूणां च भयात्ततः ॥11।।

एभिर्द्वादशभिः श्लोकैर्यः स्तौति च धरासुतम् ।
महतिं श्रियमाप्नोति ह्यपरो धनदो युवा ॥12।।

।।इति श्री ऋणमोचक मङ्गलस्तोत्रम् सम्पूर्णम्।।

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ऋणमोचक मंगल स्त्रोत पाठ करने की विधि ( Rin Mochan Mangal Stotra )

  • भीड़ मोर्चा मंगल स्त्रोत पाठ शुरुआत करने के लिए कोई भी शुक्ल पक्ष की तिथि सबसे शुभ होती है।
  • आप चाहे तो मंगलवार की तिथि से भी ऋण मोचक मंगल स्त्रोत पाठ शुरू कर सकते हैं।
  • ऋणमोचक मंगल स्त्रोत पाठ करने के दिन आप सुबह सूर्योदय से पहले उठे और स्नान करने के बाद साफ कपड़े धारण करें।
  • अब आपको पूजा स्थल पर चौकी में लाल कपड़ा विचार कर हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें और पूजा करने के बाद ऋण मोचक मंगल स्त्रोत का पाठ करें।

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