रुद्राक्ष पहनने के बाद के नियम : अगर आप रुद्राक्ष धारण करने का सोच रहे हैं या फिर आप रुद्राक्ष धारण करने जा रहे हैं तो आपको रुद्राक्ष से जुड़े कुछ नियम आपको जरूर मालूम होने चाहिए। अगर आप रुद्राक्ष के बेनिफिट लेना चाहते हैं और आप कहते हैं कि रुद्राक्ष पहनने के बाद आपको रुद्राक्ष का पूरा लाभ मिले तो आपको रुद्राक्ष पहनने के बाद के नियम जरूर मालूम होने चाहिए।
धर्म में रुद्राक्ष का बहुत ही विशेष महत्व है, धार्मिक पुराने के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव जी की आंसुओं से हुई थी। रुद्राक्ष पहनने से भगवान शिव जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। अगर आप अपने जीवन में सुख शांति समृद्धि चाहते हैं तो आप रुद्राक्ष धारण जरूर करें। रुद्राक्ष धारण से आपको बहुत सारे फायदे मिलते हैं लेकिन इसके लिए आपको रुद्राक्ष धारण के नियम क्या-क्या है इसके बारे में जरूर मालूम होना चाहिए, चलिए जानते हैं रुद्राक्ष पहनने के बाद के नियम –
रुद्राक्ष पहनने के बाद के नियम
- रुद्राक्ष का धारण केवल लाल धागे पर ही करना चाहिए।
- रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को तामसिक भोजन त्यागना पड़ता है भूल कर भी मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए ऐसा करने से रुद्राक्ष का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
- रुद्राक्ष को हरदम उतारने के बाद पवित्र स्थल पर ही रखना चाहिए अगर आप किसी आप पवित्र स्थल पर रख देते हैं तो आपकी रुद्राक्ष खंडित हो जाती है।
- अगर रुद्राक्ष कोई महिला धारण करती है तो महिला को मासिक धर्म के दौरान रुद्राक्ष को उतार कर पवित्र स्थल पर रख देना चाहिए।
- रुद्राक्ष धारण करने के बाद आप रुद्राक्ष को किसी भी दूसरे व्यक्ति को ना दें।
- गर्भवती महिला को रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए, अगर कोई महिला रुद्राक्ष पहनने के बाद गर्भवती होती है तो महिला को रुद्राक्ष उतार कर रख देनी चाहिए और बच्चों के जन्म के बाद दोबारा रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
- रुद्राक्ष धारण के बाद आप सोते समय रुद्राक्ष को उतार कर अपनी तकिए के नीचे रखना चाहिए, आपको कभी भी रुद्राक्ष धारण करके नहीं सोना चाहिए।
- रुद्राक्ष धारण करने के बाद आप रुद्राक्ष के मूल मंत्र का नौ बार प्रत्येक दिन जाप जरुर करना चाहिए।
- रुद्राक्ष धारण किए हुए आपको शौचालय और अपवित्र स्थलों पर जाने से बचना चाहिए।
- रुद्राक्ष धारण करने के बाद आपको पांच स्थानों पर जाना पूरा वर्जित है, आप नीचे बताए स्थान पर रुद्राक्ष धारण करके कभी न जाए, किसी की मृत्यु स्थान पर, जहां पर कोई शिशु पैदा हुआ हो, वेश्यावृति और मदिरा स्थान पर, और जहां पर आपके रुद्राक्ष का अपमान हो रहा हो वहां पर आपको रुद्राक्ष धारण करके नहीं जाना चाहिए।
- नोट – आप ऊपर बताई गई पांच जगह पर जाने से पहले अपनी रुद्राक्ष उतार कर स्वच्छ या मंदिर पर रख दी इसके बाद ही आप इन स्थान पर जाएं।
- रुद्राक्ष पहनने के बाद आप प्रत्येक पड़ने वाले प्रदोष, मासिक शिवरात्रि, अमावस्या, पूर्णिमा, शिवरात्रि सावन के सोमवार, को दूध और जल में धुलने के बाद उसमें सरसों का तेल जरूर लगाए। ऐसा करने से रुद्राक्ष में बाल वृद्धि होती है जिसकी वजह से रुद्राक्ष धारण करने से शरीर की सभी बीमारियां समाप्त होती हैं और बीमारियों से लड़ने में शक्ति मिलती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल ( FAQ )
रुद्राक्ष पहनने के बाद हमें क्या नहीं करना चाहिए ?
रुद्राक्ष पहनने के बाद तामसिक भोजन जैसे मांसाहार शराब और तामसिक भोजन से बचना चाहिए वही रुद्राक्ष पहनकर श्मशान घाट और आप पवित्र स्थान पर नहीं जाना चाहिए।
रुद्राक्ष अशुद्ध कब होता है ?
अगर आप रुद्राक्ष को पहने हुए सोते हैं या फिर पहने हुए शौचालय जाते हैं या फिर आप मांस मुद्रा का सेवन करते हैं शमशान घाट में जाते हैं या किसी बच्चे के जन्म पर जाते हैं तो इन स्थितियों में आपका रुद्राक्ष अशुद्ध होता है।
रुद्राक्ष पहनकर कहां नहीं जाना चाहिए ?
रुद्राक्ष पहनकर आप आप पवित्र स्थल जैसे कि जहां पर किसी की मृत्यु हुई हो या किसी की जन्म हुआ हो या ऐसे स्थान जहां पर मांस मदिरा का सेवन किया जाता हो या फिर ऐसे स्थान जहां पर वह स्थान आप पवित्र हो शौचालय जैसी आप स्थलों पर नहीं जाना चाहिए।
सबसे शक्तिशाली रुद्राक्ष कौन सा है?
सबसे शक्तिशाली रुद्राक्ष एक मुखी रुद्राक्ष है, एक मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव जी का स्वरूप माना जाता है इसके अलावा 21 मुखी रुद्राक्ष भी अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है।
क्या नहाते समय रुद्राक्ष उतरना चाहिए ?
जी हां आप नहाते समय रुद्राक्ष को उतार कर पवित्र स्थल पर रख देना चाहिए।
पर्स में रुद्राक्ष रखने से क्या होता है ?
अगर आप रुद्राक्ष को अपने पर्स में रखते हैं तो इससे धन आपकी ओर खींचता है और घर में सुख समृद्धि आती है।
मैं अक्षय पाटील मुंबई का रहने वाला हूं, मैं मुंबई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है, मुझे आध्यात्मिक एस्ट्रोलॉजी चीजों से बहुत ही अधिक जुड़ाव है जिसकी वजह से मैं डिजिटल मार्केटिंग के साथ-साथ आध्यात्मिक और एस्ट्रोलॉजी पर कंटेंट राइटिंग करता हूं, मैं पिछले दो वर्षों से कंटेंट राइटिंग का वर्क कर रहा हूं और पिछले 3 महीने से bhaktisanchar.com वेबसाइट पर कंटेंट राइटिंग और एडिटर के तौर पर काम कर रहा हूं।
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