सावन में रुद्राभिषेक कब करना चाहिए ? नोट कीजिए सभी तिथियां

सावन में रुद्राभिषेक कब करना चाहिए – सावन महीने में भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए सभी भक्त लोग अपने-अपने श्रद्धा के हिसाब से पूजा पाठ करते हैं। कई भक्त लोग सावन में प्रतिदिन शिव जी की शिवलिंग का अभिषेक करके पूजा करते हैं। कई शिव भक्त प्रत्येक सावन सोमवार के दिन भगवान शिव जी की पूजा आराधना के साथ-साथ व्रत रखते हैं। सावन महीने में शिव जी की पूजा आराधना व्रत के साथ-साथ रुद्राभिषेक ( Rudrabhishek ) का भी विशेष महत्व है। सावन महीने में रुद्राभिषेक करने से जिंदगी में सुख समृद्धि आती है और ग्रहों सबसे जुड़ी सभी बाधाये हैं, रुद्राभिषेक करने से मनुष्य के रोग, दोष और भय दूर होते हैं।

इस समय पूरे भारतवर्ष में सभी शिव भक्त पूरी भक्ति भाव के साथ भगवान शिव जी की पूजा आराधना में लगे हुए है। सावन महीने में सभी भक्त लोगों को रुद्राभिषेक करने के लिए बहुत सारी तिथियां मिलती हैं। सावन महीने में आप प्रत्येक सावन सोमवार के साथ-साथ और दूसरी तिथियां के दिन रुद्राभिषेक कर सकते हैं। सावन महीने में रुद्राभिषेक कब करना चाहिए, सावन महीने में रुद्राभिषेक करने के लिए कौन-कौन सी तिथियां है, आपको सभी जानकारी नीचे मिलेगी।

रुद्राभिषेक का महत्व

रुद्राभिषेक ( Rudrabhishek ) पूजा आप पूरे वर्ष किसी भी शुभ तिथि पर कर सकते हैं, लेकिन सावन महीने में रुद्राभिषेक पूजा का अलग ही महत्व है। शिव पुराण के अनुसार सावन महीने में शिव जी का रुद्राभिषेक पूजा करने से मनुष्य के कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। रुद्राभिषेक पूजा करने से भगवान शिव जी को प्रसन्न किया जाता है और उनकी कृपा से जिंदगी में सुख समृद्धि आती हैं और सभी दुखों का नाश होता है। रुद्राभिषेक पूजा करने से कुंडली में चल रहा है सभी दोष समाप्त होते हैं।

शिव पुराण के अनुसार रुद्राभिषेक करते समय अलग-अलग वस्तुओं का इस्तेमाल होता है और हर अलग वस्तु का अलग महत्व होता है। रुद्राभिषेक में दूध से अभिषेक करने से दांपत्य जीवन में संतान की प्राप्ति होती है, दही से अभिषेक करने से व्यापार करियर और कार्यों में आ रही रुकावटें दूर होती हैं। गंगाजल, गन्ने का रस, इत्र, घी, शुद्ध जल और सरसों के तेल से अभिषेक करने से भगवान शिव जी की असीम कृपा प्राप्त होती है और उनकी कृपा से जिंदगी के सभी दुखों का नाश होता है।

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रुद्राभिषेक के लाभ

शिव भक्त सावन महीने में रुद्राभिषेक पूजा करता है तो उसको रुद्राभिषेक की कई सारे लाभ प्राप्त होते हैं-

  • रुद्राभिषेक करने से जिंदगी में चल रहे सभी समस्याएं दुखों का नाश होता है।
  • अगर दांपत्य जीवन में संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है तो आप दूध से रुद्राभिषेक करते हैं तो आपको संतान प्राप्ति होती है।
  • आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है व्यापार में समस्याएं आती है तो आप शहद और भी से रुद्राभिषेक करेंगे तो आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। शिव जी की कृपा से धन वृद्धि होगी।
  • अगर आप सभी तीर्थ के जल से रुद्राभिषेक करते हैं तो आपको मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • शुद्ध जल और इत्र से रुद्राभिषेक करने से सभी बीमारियों का नाश होता है।
  • सरसों के तेल से रुद्राभिषेक करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।

सावन में किस समय नहीं करना चाहिए रुद्राभिषेक?

सावन महीने में रुद्राभिषेक जितना लाभकारी माना जाता है उतना ही शुभ समय पर किया गया रुद्राभिषेक का महत्व और पुण्य बहुत अधिक माना जाता है। इसलिए सावन महीने में रुद्राभिषेक सही समय पर ही करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार रुद्राभिषेक बोलकर राहुकाल के दौरान नहीं करना चाहिए, रुद्राभिषेक के लिए यह समय बहुत ही अशुभ माना जाता है।

शिव पुराण के अनुसार की योग की तिथि के समय रुद्राभिषेक करना सबसे सही माना जाता है। अगर आप सामान सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करते हैं तो इसके लिए ब्रह्म मुहूर्त सबसे अच्छा मुहूर्त माना जाता है। प्रदोष काल में अमृत काल मुहूर्त सबसे शुभ है। ब्रह्म मुहूर्त में आप रुद्राभिषेक 4:00 बजे से लेकर 5:30 बजे तक कर सकते हैं जबकि प्रदोष काल में सूर्यास्त से पहले रुद्राभिषेक कर सकते हैं। अमृत कॉलेज शुभ मुहूर्त का समय सुबह 7:30 से लेकर 9:00 बजे के बीच का है।

सावन रुद्राभिषेक शुभ तिथियां 2025

14 जुलाई 2025 सावन का पहला सोमवार

21 जुलाई 2025 सावन का दूसरा सोमवार

22 जुलाई 2025 सावन का पहला प्रदोष व्रत

23 जुलाई 2025 सावन माह की शिवरात्रि

28 जुलाई 2025 सावन का तीसरा सोमवार

29 जुलाई 2025 नाग पंचमी

4 अगस्त 2025 सावन का दूसरा सोमवार

6 अगस्त 2025 सावन का दूसरा प्रदोष व्रत

9 अगस्त 2025 सावन पूर्णिमा

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

रुद्राभिषेक में कितने पंडित लगते हैं?

रुद्राभिषेक में 2 पंडित या 11 पंडित के साथ रुद्राभिषेक पूजा कर सकते हैं।

रुद्राभिषेक पूजा में कितना खर्च आता है?

रुद्राभिषेक दो पंडित के साथ कराई जाए तो इसमें 5100 खर्च आता है वही 11 पंडित के साथ रुद्राभिषेक करने पर ₹15000 खर्च आता है।

क्या हम पंडित के बिना घर पर रुद्राभिषेक कर सकते हैं?

जी हां आप पंडित के बिना घर पर रुद्राभिषेक कर सकते हैं इसके लिए आपको रुद्राभिषेक से जुड़ी पूरी पूजा विधि के साथ-साथ पूजा सामग्री के बारे में जानकारी होनी चाहिए।

 

 

 

 

 

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