Sawan Shivratri Pooja Time : सावन माह भगवान शिव जी का सबसे प्रिय माह है और इस माह मे शिवजी की पूजा करने से भक्त की सभी इच्छाएं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सावन माह में पड़ने वाली शिवरात्रि का बहुत विशेष महत्व माना जाता है। सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव जी और माता पार्वती की विधिवत पूजा की जाती है, इस दिन सभी भक्त लोग अपनी सभी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए भगवान शिव जी और माता पार्वती की पूजा करते हैं और व्रत रहते हैं।
सावन माह मे पड़ने वाले सभी दिन शिव जी की पूजा के लिए खास होते हैं, लेकिन सावन माह में सावन सोमवार और सावन शिवरात्रि के दिन पूजा का बहुत ही विशेष और खास बात माना जाता है। सावन शिवरात्रि के दिन पूरे देश भर से सभी शिव भक्त और कांवरिया शिव जी का जलभिषेक करते हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव जी की पूजा करने से जलाभिषेक करने से शिवजी की असीम कृपा प्राप्त होती है।
इस बार सावन शिवरात्रि के दिन भद्रा का साया पड़ रहा है, इसलिए सावन शिवरात्रि के दिन शुभ मुहूर्त पर जलाभिषेक करना बहुत ही जरूरी है। समाज शिवरात्रि में भगवान शिव जी की पूजा और जलाभिषेक करने के लिए शुभ मुहूर्त क्या है और इस टाइम भद्रा का साया रहेगा इसके बारे में पूरी सटीक जानकारी आपको पंडित उमेश पांडे जी के द्वारा दी जाएगी।
सावन शिवरात्रि 2025 भद्रा साया समय
सावन शिवरात्रि 2025 में भद्रा का साया रहेगा, भद्रा के समय पूजा करना पूरी तरह से वर्जित है, इसलिए आप सभी शिव भक्त भादरा के समय भगवान शिव जी की पूजा ना करें। सावन शिवरात्रि में भद्र का समय सुबह प्रातः 5:37 से लेकर दोपहर 3:31 तक रहेगा। आप इस समय के बीच में भगवान शिव जी की पूजा और जल अभिषेक ना करें।
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सावन शिवरात्रि शुभ मुहूर्त
सावन शिवरात्रि 2025 में आपको शिव जी की पूजा और जलाभिषेक करने के लिए 6 शुभ मुहूर्त मिल रहे हैं। आप इस टाइम पर भगवान शिव जी की पूजा और जलाभिषेक कर सकते हैं –
ब्रह्म मुहूर्त प्रातः काल 4:15 से लेकर 4:56 तक
निशिताकाल पूजा मुहूर्त रात्रि 12:07 लेकर रात्रि 12:48 तक
रात्रि प्रथम पहर पूजा का शुभ मुहूर्त संध्या काल 7:17 से लेकर 9:53 तक
रात्रि द्वितीय पहर पूजा समय रात्रि 9:53 से लेकर रात्रि 12:28 का
रात्रि तृतीय प्रहार पूजा शुभ मुहूर्त 12:28 से लेकर 24 जुलाई प्रातः 3:30 तक
रात्रि चतुर्थ पहर पूजा समय 3:30 से लेकर 24 जुलाई प्रातः 5 बक्सर 38 मिनट तक
सावन शिवरात्रि जलाभिषेक और पूजा विधि
- सावन शिवरात्रि के दिन आप सुबह जल्दी उठकर गंगा स्नान करें और साथ कपड़े पहने।
- अब आप मंदिर जाकर शिवजी को गंगाजल से अभिषेक करें।
- अब आप भगवान शिव जी को बेलपत्र, शहद, और अन्य पूजा सामग्री से पूजा करें।
- इसके बाद आप 108 बार ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
- अब आप घी का दीपक जलाकर शिव चालीसा का पाठ करें।
- इसके बाद आप हाथ जोड़कर जाने अनजाने की गई गलतियों के लिए माफी मांगे और अपने लिए सुख समृद्धि शांति के लिए प्रार्थना करें।