शिव स्तुति मंत्र श्लोक | Shiv Stuti Lyrics In Hindi | Shiv Stuti Hindi

Shiv Stuti Lyrics In Hindi : हमारे हिंदू शास्त्रों में भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए अनेक मंत्र और स्तुतियां का उल्लेख है। अगर कोई भक्त सच्चे मन के साथ शिवजी की पूजा के साथ मंत्र और स्तुतियां के साथ पूजा करता है, शिवजी जल्द प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से भक्ति सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। शिव जी का एक ऐसा ही बहुत ही प्रभावशाली शिव स्तुति मंत्र श्लोक ( Shiv Stuti ) है, इसके जाप करने से भगवान शिव जी की भक्ति का आनंद मिलता है और उनकी कृपा प्राप्त होती है।

शिव स्तुति मंत्र श्लोक / Shiv Stuti Lyrics In Hindi / Shiv Stuti Hindi

शिव स्तुति ( shiv stuti )

आशुतोष शशांक शेखर,
चन्द्र मौली चिदंबरा,
कोटि कोटि प्रणाम शम्भू,
कोटि नमन दिगम्बरा ॥

निर्विकार ओमकार अविनाशी,
तुम्ही देवाधि देव,
जगत सर्जक प्रलय करता,
शिवम सत्यम सुंदरा ॥

निरंकार स्वरूप कालेश्वर,
महा योगीश्वरा,
दयानिधि दानिश्वर जय,
जटाधार अभयंकरा ॥

शूल पानी त्रिशूल धारी,
औगड़ी बाघम्बरी,
जय महेश त्रिलोचनाय,
विश्वनाथ विशम्भरा ॥

नाथ नागेश्वर हरो हर,
पाप साप अभिशाप तम,
महादेव महान भोले,
सदा शिव शिव संकरा ॥

जगत पति अनुरकती भक्ति,
सदैव तेरे चरण हो,
क्षमा हो अपराध सब,
जय जयति जगदीश्वरा ॥

जनम जीवन जगत का,
संताप ताप मिटे सभी,
ओम नमः शिवाय मन,
जपता रहे पञ्चाक्षरा ॥

आशुतोष शशांक शेखर,
चन्द्र मौली चिदंबरा,
कोटि कोटि प्रणाम शम्भू,
कोटि नमन दिगम्बरा ॥
कोटि नमन दिगम्बरा

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शिव स्तुति अर्थ और विशेषताएं

हिंदू शास्त्रों में शिव स्तुति में भगवान शिव जी के उल्लेख किया गया है, इस स्तुति में भगवान शिव जी को आशुतोष कहा गया है, इसका अर्थ होता है जो थोड़े से पूजन, एक लोटा जल चढ़ाने से, सच्चे भाव के साथ पूजा करने से प्रसन्न हो जाते हैं। इस स्थिति में उन्हें शशांक शेखर भी कहा गया है जिसका मतलब होता है जिनके जटाजुट में चंद्रमा विराजमान है।

इसके अलावा शिव स्तुति में भगवान शिव जी को अन्य नाम से भी जाना गया है, जिनमें से त्रिनेत्र धारी गंगाधर नीलकंठ भूतनाथ और कालों के कल के रूप में व्याख्यान किया गया है।

शिव स्तुति पाठ करने के लाभ

  • शिव स्तुति पाठ करने से मन को शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • शिव स्तुति पाठ करने से भगवान शिवजी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • प्रतिदिन शिव स्तुति पाठ करने से शरीर से रोग भय, मोह कृोध जैसे मानसिक शांति का नाश होता है।
  • जिंदगी में चल रही कठिनाइयों और सभी कष्टो से मुक्ति मिलती है।
  • प्रतिदिन की स्थिति पाठ करने से घर में सुख शांति समृद्धि आती है।

शिव स्तुति पाठ करने की विधि

  • सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहने।
  • अब आप पूजा स्थल पर भगवान शिव जी की प्रतिमा के सामने दीपक और धूप जलाएं।
  • अब आपको शांति मन से ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करना है।
  • इसके बाद आप शिव स्तुति पाठ करें।
  • शिव स्तुति पाठ समाप्त होने के बाद आप भगवान शिव जी से हाथ जोड़कर क्षमा याचना करें और अपने उज्जवल भविष्य के लिए कामना करें।

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