Skandamata Mantra : नवरात्रि पांचवें दिन करें स्कंदमाता मंत्र का जाप, पूरी होगी सभी मनोकामनाएं – शारदीय नवरात्रि पांचवा दिन मां स्कंद माता को समर्पित है और इस दिन पूरे विधि विधान के साथ मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा की जाती है। स्कंदमाता की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और संतान प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। नवरात्रि पांचवें दिन स्कैन माता की पूरी विधि विधान के पूजा के साथ-साथ स्कंदमाताद माता आरती और स्कंदमाता मंत्र ( Skandamata Mantra ) का जाप जरुर करना चाहिए तभी आपकी पूजा पूरी मानी जाती है।
स्कंदमाता की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और इसके साथ-साथ निसंतान दंपति को पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। स्कंदमाता पूजा के समय आप माता जी को बताशे का भोग लगे और इसके अलावा आप पूजा में कमलगट्टा पान सुपारी लौंग का जोड़ा और किशमिश अर्पित करें। आपको नवरात्रि पांचवें दिन माता जी की पूजा के समय मंत्र और आरती में किसी भी तरह की कोई समस्या ना हो इसके लिए आपको स्कंदमाता मंत्र ( Skandamata Mantra ) जाप के बारे में नीचे बताया जा रहा है।
स्कंदमाता मंत्र ( Skandamata Mantra )
स्कंदमाता बीज मंत्र
ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:
स्कंदमाता प्रार्थना मंत्र
सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया॥
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
स्कंदमाता मंत्र
महाबले महोत्साहे। महाभय विनाशिनी।
त्राहिमाम स्कन्दमाते। शत्रुनाम भयवर्धिनि।।
ओम देवी स्कन्दमातायै नमः॥
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स्कंदमाता आरती
जय तेरी हो स्कंदमाता।
पांचवां नाम तुम्हारा आता।
सब के मन की जानन हारी।
जग जननी सब की महतारी।
तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं।
हर दम तुम्हें ध्याता रहूं मैं।
कई नामों से तुझे पुकारा।
मुझे एक है तेरा सहारा।
कहीं पहाड़ों पर है डेरा।
कई शहरो में तेरा बसेरा।
हर मंदिर में तेरे नजारे।
गुण गाए तेरे भक्त प्यारे।
भक्ति अपनी मुझे दिला दो।
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो।
इंद्र आदि देवता मिल सारे।
करे पुकार तुम्हारे द्वारे।
दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए।
तुम ही खंडा हाथ उठाएं
दास को सदा बचाने आईं
‘चमन’ की आस पुराने आई।
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