Surya Jal Arpan Mantra : हिंदू धर्म में सुबह सूर्य देव को जल अर्पित करने की परंपरा कई युगों से चली आ रही है, बड़े-बड़े देव मुनि धर्मात्मा सुबह उठकर सबसे पहले सूर्य देव को जल अर्पित करते है। सुबह सूर्य देव को जल अर्पित करने से मानसिक शांति, साथ के साथ-साथ कई सारी फायदे होते हैं। इतना ही नहीं आप सुबह सूर्य को जल अर्पित करके अपनी कई सारी इच्छाएं और मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं। हिंदू शास्त्र में बताया गया है कि पूरे विधि विधान के साथ सूर्य देव को जल अर्पित करने से और पूजा करने से मनुष्य के सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
अगर आप सूर्य देव को प्रसन्न करना चाहते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो आप प्रत्येक दिन सूर्य देव को जल अर्पित करें, आपके यहां पर सूर्य देव को जल अर्चित करने के नियम, सूर्य मंत्र जल चढ़ाते समय ( Surya Jal Arpan Mantra ) के बारे में बताएंगे, यहां पर जो भी जानकारी आपको प्राप्त होगी वह सभी जानकारी हिंदू शास्त्रों से ली गई है।
सूर्य मंत्र जल चढ़ाते समय ( Surya Jal Arpan Mantra )
अधिकतर लोगों के मन में सवाल रहता है कि सूर्य देव को जल अर्पित करते समय किस मंत्रों का उच्चारण या किस मंत्र का जप करना चाहिए। आप सूर्य देव को जल अर्पित करते समय गायत्री मंत्र या हनुमान चालीसा का भी पाठ कर सकते हैं। इसके अलावा आप सूर्य मंत्र का भी जाप कर सकते हैं।
सूर्य मंत्र जल चढ़ाते समय – “ॐ सूर्याय नमः” या “ॐ घृणि सूर्याय नमः”
आप चाहे तो नीचे दिए गए कोई भी मंत्र का जाप कर सकते हैं।
1. ऊँ नमो भगवते श्री सूर्याय क्षी तेजसे नम:। ऊँ खेचराय नम:।
2. ऊँ महासेनाय नम:। ऊँ तमसे नम:।
3. ऊँ रजसे नम:। ऊँ सत्वाय नम:।
4. ऊँ असतो मा सद्गमय।
5. तमसो मा ज्योतिर्गमय। मृत्योर्मामृतं गमय।
6. हंसो भगवाञ्छुचिरूप: अप्रतिरूप:।
7. विश्वरूपं घृणिनं जातवेदसं हिरण्मयं ज्योतीरूपं तपन्तम्।
8. सहस्त्ररश्मि: शतधा वर्तमान: पुर: प्रजानामुदत्येष सूर्य:।
9. ऊँ नमो भगवते श्रीसूर्यायादित्याक्षितेजसे हो वाहिनि वाहिनि स्वाहेति।
सूर्य मंत्र के फायदे
अगर आप कुंडली में सूर्य देव को मजबूत करना चाहते हैं तो आप प्रत्येक दिन सूर्य देव की पूजा के साथ-साथ जल अर्पित करें और सूर्य मंत्र का जाप करें। सूर्य मंत्र का जाप करने से जिंदगी में सुख समृद्धि आती है और सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। अगर आप सूर्य देव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं और अपने करियर और व्यापार में सफल होना चाहते हैं तो आप शोर मंत्र का जब जरुर करें, सूर्य मंत्र का जाप करने से आपकी जिंदगी में यस और मान सम्मान में वृद्धि होती है।
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जल चढ़ाते समय इन बातों का रखें ध्यान
अगर आप सूर्य देव को जल अर्पित करते हैं तो आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान देना चाहिए।
- सूर्य देव को जल अर्पित हमेशा उगते हुए सूर्य को ही करना चाहिए।
- सूर्य देव को हरदम आर्ध्य देते समय आपका मुख पूर्व दिशा में होना चाहिए।
- सूर्य देव को आर्ध्य देने के बाद तीन बार परिक्रमा जरूर करें।
- जल अर्पित करने के बाद मंत्र का जाप करें और धरती माता के चरण छुये।
- सूर्य देव को जल अर्पित करते समय हरदम लाल वस्त्र धारण करें।
- सूर्य देव को जल अर्पित करके समय लोटे में रोली और चावल जरूर डालें।
सूर्य को जल अर्पित करने के नियम
- सूर्य देव को हरदम तांबे के लोटे से ही जल अर्पित करें।
- सूर्य उदय होते समय जल अर्पित करना बहुत ही शुभ होता है।
- सूर्य उदय होने के 1 घंटे के अंदर आर्ध्य देना सबसे सही माना गया है।
- सूर्य देव को जल अर्पित करते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल ( FAQ )
सूर्य को जल चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोला जाता है?
चोर को जल चढ़ाते समय “ॐ सूर्याय नमः” या “ॐ घृणि सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए।
सूर्य को जल कब नहीं चढ़ाना चाहिए?
और देखो कभी भी दोपहर के समय जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
सूर्य को हल्दी मिला जल चढ़ाने से क्या होता है?
छोड़ दो को हल्दी मिला जल चढ़ाने से कुंडली में सूर्य मजबूत होता है और आपके रुके हुए कार्य पूरे होते हैं।
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