एकादशी व्रत किसको करना चाहिए : अगर आप एकादशी व्रत रखना चाहते हैं और आपको नहीं मालूम की एकादशी व्रत किसको करना चाहिए और एकादशी व्रत किसको नहीं करना चाहिए तो हम आपके यहां पर एकादशी व्रत से जुड़ी पूरी जानकारी देंगे। एकादशी व्रत का महत्व क्या है एकादशी व्रत के नियम क्या है आपको सभी संपूर्ण जानकारी यहां पर मिलेगी। क्योंकि एकादशी व्रत करने से पहले आपको एकादशी व्रत से जुड़े नियम महत्व के बारे में जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है।
सनातन धर्म में एकादशी व्रत का बहुत बड़ा महत्व माना जाता है। एकादशी व्रत भगवान विष्णु जी को समर्पित है और इस पावन दिन सभी लोग भगवान विष्णु जी की पूजा करते हैं और व्रत रहते हैं। एकादशी व्रत प्रत्येक माह में दो बार पड़ती है पहली एकादशी व्रत शुक्ल पक्ष और दूसरी एकादशी व्रत कृष्ण पक्ष में पड़ती है। एकादशी व्रत रखने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और साधक की जिंदगी में सुख समृद्धि आती है।
एकादशी व्रत के प्रकार
आप सभी लोगों को मालूम होना चाहिए की एकादशी व्रत चार प्रकार से रखे जाते हैं। धार्मिक ग्रंथो के अनुसार आप चार प्रकार से एकादशी व्रत रख सकते हैं।
जलाहर – धार्मिक ग्रंथो के अनुसार जलहर व्रत में आप केवल जल ग्रहण करके व्रत रख सकते हैं। आप व्रत के दौरान केवल जल के अलावा और कुछ खा पी नहीं सकते हैं।
क्षीरभोजी – धार्मिक ग्रंथो के अनुसार क्या क्षीरभोजी व्रत के अनुसार आप केवल दूध या फिर दूध से बनी चीजों का ही व्रत के दौरान सेवन कर सकते हैं।
फलाहारी – धार्मिक ग्रंथो के अनुसार फलाहारी व्रत के दौरान आप केवल फल का ही सेवन कर सकते हैं, फल के अलावा आप किसी भी तरह की सब्जी नमक या फिर अन्न का सेवन नहीं कर सकते।
नक्तभोजी – धार्मिक ग्रंथो के अनुसार नक्तभोजी व्रत के समय आप केवल साबूदाना सिंघाड़ा शकरकंदी आलू मूंगफली आदि चीजों का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा इस व्रत के दौरान किसी भी चीज का सेवन करना वर्जित माना गया है।
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एकादशी व्रत किसको करना चाहिए ?
अगर आप एकादशी व्रत रखना चाहते हैं तो आपको जरूर मालूम होना चाहिए की “एकादशी व्रत किसको करना चाहिए”। क्योंकि जब आप किसी चीज की शुरुआत करने जाते हैं तो आपको उसके बारे में पूरी जानकारी होना आवश्यक तभी आपको उस चीज को करने से आपको फल की प्राप्ति होती है। एकादशी व्रत कोई भी व्यक्ति कर सकता है। एकादशी व्रत रखने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। अगर आप एकादशी व्रत रखना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले एकादशी व्रत के नियम के बारे में जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है।
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एकादशी व्रत के नियम

- एकादशी व्रत कोई भी छोटा बालक या बड़ा बालक या मनुष्य स्त्री रख सकती है।
- एकादशी व्रत रखने वाले व्यक्ति को किसी भी तरह का मांसाहारी चीजों से दूर होना चाहिए इसका सेवन कभी नहीं करना चाहिए तभी आपको एकादशी व्रत का लाभ प्राप्त होगा।
- एकादशी व्रत रखने के लिए व्यक्ति को एक दिन पहले से ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक है।
- एकादशी व्रत रखने वाले दिन व्यक्ति को सूर्योदय होने से पहले उठकर अपने दिनचर्या की शुरुआत करनी चाहिए।
- एकादशी व्रत के दिन व्यक्ति को किसी भी लकड़ी को तोड़ना और उसे दांत साफ करना पूरी तरह से वर्जित है आप इस दिन ना तो कोई किसी पेड़ की लकड़ी तोड़े और ना ही किसी लकड़ी से दांत साफ करें।
- एकादशी व्रत के दिन आप सुबह गंगा स्नान करके या घर पर स्नान करके पूरे विधि विधान के साथ भगवान विष्णु माता लक्ष्मी जी की पूजा करें और आरती करें।
- एकादशी व्रत के दिन आप गीता पाठ कर सकते हैं या फिर आप पंडित को बुलाकर घर पर कथा का पाठ करा सकते हैं।
- एकादशी व्रत के दिन आपको दान जरूर करना चाहिए, आप अपनी सुविधा अनुसार जरूरतमंद लोगों को कपड़े या फिर भूखे लोगों को अन्न का दान कर सकते हैं।
- एकादशी व्रत के दौरान आप किसी भी तरह के अन्न का सेवन न करें इस दिन आप फलाहारी व्रत रहे।
- एकादशी व्रत के दौरान आप किसी का अपमान ना करें किसी को कटु वचन ना बोले आप इस दिन सभी से बहुत ही प्यार के साथ बात करें।
- एकादशी व्रत के दिन मनुष्य को झूठ बोलना, चुगली करना, बुराई करना पूरी तरह से वर्जित है।
एकादशी व्रत किसको नहीं करना चाहिए ?
- अगर किसी महिला का मासिक धर्म चल रहा है तो महिला को एकादशी व्रत नहीं रखना चाहिए।
- अगर महिला गर्भवती है तो महिला को एकादशी व्रत नहीं रहना चाहिए।
- अगर कोई महिला या पुरुष किसी बीमारी से पीड़ित है तो उसे एकादशी व्रत नहीं रखना चाहिए।
एकादशी व्रत विधि ( Ekadashi Vrat Vidhi )
- एकादशी व्रत के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें।
- स्नान करने के बाद आप पूजा स्थल के साथ सफाई करें और चौकी में पीला वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु जी की मूर्ति स्थापित करें।
- अब आप भगवान विष्णु जी की मूर्ति को गंगाजल से जल अभिषेक करें और उन्हें तुलसी दल अर्पित करें।
- अब आप बने हुए सात्विक भोग को भगवान जी को अर्पित करें।
- भगवान विष्णु जी के मंत्र का जाप करें और आरती करने के बाद हाथ जोड़कर अपनी गलतियों के लिए क्षमा याचना करें।
- संध्या काल में आप भगवान विष्णु जी की आरती जागरण करें और भजन कीर्तन करें।
- अगले दिन पारण के समय पर पारन करें और शुद्ध भोजन ग्रहण करने के बाद पंडित और गरीब लोगों को अन्न धन का दान करें।
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निष्कर्ष ( Conclusion )
आप सभी लोगों को इस आर्टिकल के माध्यम से एकादशी व्रत किसको रखना चाहिए और किसको नहीं रखना चाहिए इसके बारे में जानकारी दी है। अगर आप एकादशी व्रत रखने के बारे में सोच रहे हैं तो आपके यहां पर एकादशी व्रत से जुड़े नियम के साथ-साथ किसको एकादशी व्रत रखना चाहिए इसके बारे में भी पूरी जानकारी दी है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
एकादशी का व्रत कौन-कौन रह सकता है?
एकादशी व्रत कोई भी महिला या पुरुष अपने स्वेच्छा से रख सकता है।
क्या अविवाहित लड़की एकादशी का व्रत रख सकती है?
जी हां अगर अविवाहित लड़की की उम्र 8 वर्ष से ऊपर है तो वह लड़की एकादशी व्रत रख सकती है।
एकादशी व्रत शुरू करने के लिए कौन सी एकादशी सबसे अच्छी है?
एकादशी व्रत शुरू करने के लिए उत्पन्ना एकादशी सबसे अच्छी एकादशी मानी गई है।
क्या एकादशी के दिन बाल कटवाए जा सकते हैं?
एकादशी के दिन बाल और सेविंग करना पूरी तरह से वर्जित माना गया है।
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