क्या पीरियड में व्रत रख सकते हैं, जानिए क्या कहता है धार्मिक शास्त्र

क्या पीरियड में व्रत रख सकते हैं : जैसे कि हम लोग जानते हैं कि हमारे हिंदू धर्म में पीरियड के समय महिलाओं को पूजा पाठ करना पूरी तरह से मनाही होती है। पीरियड यानी मासिक धर्म एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे हर एक स्त्री को हर महीने गुजरना पड़ता है। ऐसे में सभी महिलाओं के मन में सवाल लेता है कि जब हम पीरियड के समय पूजा पाठ नहीं कर सकते तो “क्या पीरियड मे व्रत रख सकते हैं” ( Kya Period Me Vrat Karna Chahiye ) एक ऐसा सवाल है जो अधिकतर महिलाओं के मन में रहता है।

बहुत सारी महिलाएं प्रत्येक महीने एकादशी व्रत, अमावस्या व्रत, पूर्णिमा व्रत, दुर्गा अष्टमी व्रत, सोमवार व्रत, बृहस्पति व्रत रखती है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह रहता है कि पीरियड के समय व्रत रखना चाहिए या नहीं, हम आपके इसी सवाल का जवाब इस आर्टिकल के माध्यम से लेकर आए हैं। हमारे धर्मगुरु ज्योतिषाचार्य और पंडित इसके बारे में क्या कहते हैं और धार्मिक शास्त्र के अनुसार “क्या पीरियड में व्रत रख सकते हैं” इसके बारे में भी जानेंगे।

क्या पीरियड में व्रत रख सकते हैं? ( Kya Period Me Vrat Karna Chahiye )

“पीरियड में व्रत करना शुभ या अशुभ” या व्रत के दौरान पीरियड आता है तो व्रत जारी रखना चाहिए या फिर व्रत को वही रोक देना चाहिए। आपके सभी सवाल का जवाब यहां पर देंगे, धार्मिक शास्त्र के अनुसार अगर महिला को व्रत से पहले पीरियड आता है तो महिला को व्रत नहीं रखना चाहिए। वहीं अगर महिला को व्रत के दौरान पीरियड आता है तो महिला को व्रत भंग करने की आवश्यकता नहीं है।

आप पीरियड के दौरान सभी पूजा पाठ और पीरियड नियम का पालन करें और पीरियड के दौरान केवल आप पूजा पाठ से दूर रहे। आप जिस तरह से अन्य दिनों पीरियड आने पर पूजा पाठ से जुड़े नियम का पालन करते हैं आपको उसी तरह व्रत के दौरान भी सभी नियम का पालन करना है बाकी आप अपना व्रत जारी रख सकते हैं।

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व्रत रखते समय पीरियड आने पर क्या करें ?

  • धार्मिक शास्त्र और ज्योतिष आचार्य के अनुसार अगर आपने व्रत का संकल्प ले लिया है और व्रत के दौरान पीरियड आता है तो आप व्रत जारी रखें।
  • आप पीरियड के दौरान खुद पूजा पाठ न करके घर में किसी और से पूजा करवा सकते हैं इससे आपको पूजा का पूरा फल मिलता है।
  • आप किसी भी पूजा सामग्री को छुए मंत्र का जाप करें।
  • अगर आपको मंत्र याद नहीं है तो आप मोबाइल से इंटरनेट से मंत्र सर्च करके मन ही मन उच्चारण कर सकते हैं।

भक्ति भाव सबसे बड़ा महत्वपूर्ण

धार्मिक शास्त्रों में बताया गया है कि पीरियड ( मासिक धर्म ) एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो हर महीने रिपीट होती है। ऐसी स्थिति में अगर व्रत के दौरान पीरियड आता है तो इसका व्रत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है बल्कि आपको कुछ सावधानियां रखकर पूजा पाठ से जुड़ी चीजों से दूरी बनाकर रखना है। क्योंकि धार्मिक शास्त्र के अनुसार पूजा और व्रत उसी का संपूर्ण माना जाता है जो सच्चे भक्ति भाव और पूरे हृदय के साथ करता है। भगवान सदैव अपने भक्त की तभी पूजा और व्रत का फल देते हैं जब भक्त पूरे भक्ति भाव के साथ पूजा करता है।

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