Period Me Mandir Ja Sakte Hai : पीरियड यानी मासिक धर्म महिलाओं के लिए एक ऐसी प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसे हर महीने फेस करनी पड़ती है। पीरियड मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को पूजा पाठ के साथ कई सारे कार्य करने से वर्जित मन किया गया है। ऐसे में महिलाओं के लिए एक सबसे बड़ा सवाल है कि क्या पीरियड में मंदिर जा सकते हैं ( Period Me Mandir Ja Sakte Hai ), यह एक ऐसा सवाल है जो अधिकतर महिलाओं के मन में रहता है, आपकी इसी सवाल का जवाब हम इस आर्टिकल में जानेंगे और जानेंगे कि धार्मिक शास्त्र के अनुसार पीरियड में मंदिर जाना चाहिए कि नहीं।
कई बार माता बहनों को देखा गया है कि किसी तीर्थ यात्रा के दौरान अचानक मासिक धर्म आ जाता है जिसकी वजह से उन्हें मंदिर में दर्शन को लेकर समस्या उठानी पड़ती है, ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि पीरियड की इस स्थिति में उन्हें तीर्थ यात्रा के दौरान मंदिर जाकर दर्शन करने चाहिए कि नहीं, चलिए अब सभी सवालों के जवाब इस आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं और आपको बताते हैं कि क्या पीरियड में मंदिर जा सकते हैं ( Period Me Mandir Ja Sakte Hai ) –
क्या पीरियड में मंदिर जा सकते हैं ( Period Me Mandir Ja Sakte Hai )
श्री प्रेमानंद महाराज जी के अनुसार अगर कोई महिला धार्मिक यात्रा पर है और उस समय पीरियड आता है तो ऐसी अवस्था में नहा धोकर दूर से दर्शन जरूर करना चाहिए, पीरियड के समय महिला को मंदिर के अंदर जाने से बचना चाहिए। अगर कोई महिला घर पर है और ऐसे समय में पीरियड आता है और महिला मंदिर जाना चाहती है तो ऐसी अवस्था में महिला को मंदिर नहीं जाना चाहिए बल्कि घर से ही नहा धोकर स्वच्छ होकर भगवान का स्मरण करने भर से ही भगवान की कृपा प्राप्त होती है।
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पीरियड में प्रसाद खाना चाहिए या नहीं ( Period Me Prasad Khana Chahiye ki Nahi )
पीरियड के समय महिलाओं के मन में एक और सबसे बड़ा सवाल लेता है कि क्या पीरियड के समय प्रसाद खाना चाहिए कि नहीं, प्रेमानंद महाराज जी के अनुसार पीरियड के समय महिलाओं को रसोई से जुड़ी गतिविधियों और भगवान पूजा पाठ से जुड़े किसी भी सामग्री को नहीं छूना चाहिए, इसलिए महिलाओं को पीरियड के समय प्रसाद नहीं खाना चाहिए। पीरियड के समय महिलाओं को प्रसाद छूना भी नहीं चाहिए।
पीरियड में पूजा करने से क्या होता है ?
पीरियड एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसको हर महिला को फेस करना पड़ता है, महिलाओं के मन में से एक और सवाल लेता है कि अगर हम पीरियड में पूजा करते हैं तो इससे क्या होता है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार पीरियड के समय महिलाओं को पूजा पाठ से दूर रहना चाहिए, पीरियड के समय पूजा पाठ करना मंदिर जाना पूरा तरह से वर्जित माना जाता है ऐसी स्थिति में पूजा करना पूरा तरह से वर्जित है। पीरियड के समय पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव आप पर पड़ता है। इसलिए पीरियड के समय पूजा करने से बचना चाहिए।
पीरियड के कितने दिन बाद मंदिर जाना चाहिए ?
महिलाओं के मन में एक और सवाल लेता है कि पीरियड के कितने दिन बाद मंदिर जाना चाहिए, धार्मिक शास्त्रों के अनुसार अगर किसी महिला का पीरियड चक्र चार दिन का है तो महिला पांचवें दिन नहा धोकर स्वच्छ कपड़े पहनकर मंदिर जा सकती है। मंदिर जाने से पहले महिला को अच्छे नहाने के साथ-साथ बाल धोने चाहिए ।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल ?
क्या हम पीरियड के दौरान देवी मंदिर जा सकते हैं?
जी नहीं पीरियड के दौरान आप देवी मंदिर नहीं जा सकते हैं।
पीरियड आने पर पूजा कैसे करें ?
पीरियड आने पर आप शारीरिक रूप से पूजा करने से दूर रहकर कि आप दूर से स्नान करने के बाद भगवान जी का स्मरण करके मन ही मन पूजा कर सकते हैं।
मासिक धर्म में शिवलिंग स्पर्श करना चाहिए या नहीं ?
मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को शिवलिंग स्पष्ट नहीं करना चाहिए यह बहुत ही पवित्र माना जाता है।
पीरियड में क्या-क्या नहीं छूना चाहिए?
पीरियड के दौरान महिलाओं को पूजा सामग्री पूजा स्थल पीपल तुलसी जैसे पवित्र चीजों से दूर रहना चाहिए।